लखनऊ

प्रदेश में पर्याप्त एवं निर्बाध बिजली देने के लिए किये जा रहे युद्ध स्तरीय प्रयास

प्रदेश में पर्याप्त एवं निर्बाध बिजली देने के लिए किये जा रहे युद्ध स्तरीय प्रयास

विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण से आने वाले दिनों में नागरिकों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिलेगी

प्रदेश के बढ़ते विद्युत लोड के अनुरूप ही उपकेन्द्रों, फीडरों और ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की जा रही

ट्रिपिंग, फाल्ट की समस्या से निजात देने के लिए जर्जर पोल, लाइन को बदला जा रहा:- श्री ए०के० शर्मा

 

रिपोर्ट धर्मेंद्र कुमार वर्मा लखनऊ

 

प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि प्रदेश में उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति देेने के लिए ऊर्जा विभाग जमीनी स्तर पर विद्युत व्यवस्था की सुदृढ़ीकरण हेतु युद्धस्तर पर कार्य कर रहा। केन्द्र की 17 हजार करोड़ रूपये की आरडीएसएस योजना के तहत प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को नये सिरे से खड़ा करने का प्रयास हो रहा। जर्जर लाइनों एवं विद्युत पोलों को बदलने का कार्य किया जा रहा। प्रदेश के बढ़ते विद्युत लोड के अनुरूप ही उपकेन्द्रों, फीडरों और ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की जा रही है। जरूरत के अनुसार नये उपकेन्द्र, फीडर बनाये जा रहे हैं और नये ट्रांसफार्मर भी लगाये जा रहे हैं। इससे जहां दोषमुक्त गुणवत्तापूर्ण बिजली उपभोक्ताओं को दी जा सकेगी, वहीं बार-बार होेने वाली ट्रिपिंग, फाल्ट के कारण बिजली जाने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने बताया कि पिछले महीने भीषण गर्मी एवं उमस होने के कारण बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गयी थी। उत्तर प्रदेश के इतिहास में अभी तक सबसे ज्यादा बिजली की आपूर्ति 28284 मेगावाट इस वर्ष हुई। विद्युत की निर्बाध आपूर्ति के लिए बिजली के आधारभूत ढ़ाचे को ठीक करने का भी भगीरथ प्रयास किया जा रहा है। विभाग की 04 महत्वपूर्ण योजनाओं के जरिये बिजली के इन्फास्ट्रक्चर एवं आधारभूत ढांचे को सुदृढ करने का प्रयास चल रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि एडीबी द्वारा सहायता प्राप्त योजना के अर्न्तगत सर्विस एबी केबिल लगाने एवं फीडर अलग करने का कार्य चल रहा है। जिसमें 20,000 मजरों को आच्छादित किया जा चुका है। जुलाई एवं अगस्त 2023 के मात्र 02 महीनों में 14409 ऐसे कार्यों को पूरा किया गया। इसी प्रकार फीडर अलग करने का कार्य किया जा रहा है। अभी तक 500 से ऊपर फीडर को अलग किया गया। लगभग 17000 करोड़ रूपये के खर्च से अमल में लायी गयी आरडीएसएस योजना तेजी से क्रियान्वित हो रही है, जिसमें जुलाई एवं अगस्त 2023 के 02 महीनांे में 1,76,589 खम्भें लगाये गये एवं 04 लाख सर्किट किमी0 एचटी लाईन एवं लगभग 1.5 लाख किमी0 एलटी लाईनों तथा जर्जर तारों को बदलने का कार्य हुआ। साथ ही 25 हजार सर्किट किलो मीटर फीडर विभाजन का भी कार्य हुआ।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बिजनेस प्लान 2023-24 के अन्तर्गत जुलाई, अगस्त के 02 महीनों में बड़े पैमाने पर छोटे विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि का कार्य किया गया, जिसमें 33/11 केवी के 100 से अधिक सब स्टेशन शामिल हैं। साथ ही 11/0.4 केवी के 564 नये सर्विस स्टेशन बनाये गये तथा 2100 ऐसे सर्विस स्टेशनों की क्षमता वृद्धि की गयी। जुलाई 2023 के महीने में 33872 ट्रांसफार्मर बदले गये तथा अगस्त, 2023 के महीने में 36734 ट्रांसफार्मर बदले गये।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि नगरीय निकायों की बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिये 1028 करोड़ के कार्य कराये जा रहे हैं। साथ ही अतिरिक्त बिजनेस प्लान में बिजली व्यवस्था की सुदृढ़ीकरण के अन्य कार्य भी साथ में हो रहे हैं। इसमें 2858 करोड़ रूपये खर्च होना निर्धारित है। इस वर्ष एडीबी के कार्यों हेतु 1432 करोड़ रूपये तथा आरडीएसएस एवं बिजनेस प्लान तथा इसी प्रकार की अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत तीव्र गति से विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का कार्य आगे बढ़ रहा है, जिससे आने वाले दिनों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति नागरिकों को मिलेगी।

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