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ज्ञानाधिष्ठित समाज निर्मिती का कार्य कर रहे डॉ. कराड

ज्ञानाधिष्ठित समाज निर्मिती का कार्य कर रहे डॉ. कराड

पद्मविभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर की राय :  पुणे के विभिन्न संगठनों एवं पुणेवासियों द्वारा प्रो.डॉ. विश्वनाथ कराड को विश्वशांति रत्न पुरस्कार से नवाजा

 

पुणे, : स्वामी विवेकानन्द ने भविष्यवाणी की थी कि भारत शिघ्र ही विश्व गुरू बनेगा. स्वामीजी के इस भविष्यवाणी को साकार करने की राह पर प्रो.डॉ. विश्वनाथ कराड चल रहे हैं. तीर्थक्षेत्र और ज्ञान तीर्थ क्षेत्र को एकसाथ लाते पूरे विश्व में विश्व शांति का प्रकाश फैलाते हुए ज्ञान आधारित समाज बनाने का कार्य कर रहे है. यह राय वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने रखी.

शहर के विभिन्न समाजाजिक संगठन एवं संपूर्ण पुणे वासियों की ओर से एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड को विश्वशांति रत्न पुरस्कार से नवाजा गया. साथ ही सीओईपी तकनीकी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संगठन द्वारा जीवन गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस समय डॉ. माशेलकर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.

अध्यक्षता वरिष्ठ कम्प्यूटर विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर ने निभाई. साथ ही सांसद श्रीनिवास पाटिल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. भूषण पटर्वधन, सीओईपी तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील बिरूड, वरिष्ठ पर्यावरण संरक्षक डॉ. राजेंद्र शेंडे, नागपूर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एस.एन.पठाण, डॉ. श्रीपाल सबनीस, संस्कृत के विद्वान पं. वसन्तराव गाडगील, पूर्व विधायक उल्हास पवार, वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य रतनलाल सोनग्रा, वरिष्ठ किर्तनकार बापूसाहेब मोरे, पूर्व छात्र संगठन के भरत गीत्ते उपस्थित थे.

 

स्वामी विवेकानन्द मेरी प्रेरणा

विश्वशांति रत्न पुरस्कार से नवाजने के बाद प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा कि, स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाएं मेरी प्रेरणा का स्त्रोत हैं. सभी तीर्थ स्थान ज्ञान के केन्द्र है, यहीं संदेश देने के लिए मै, डॉ. भटकर और डॉ. माशेलकर एकसाथ आए. विज्ञान और अध्यात्म को एकीकृत कर पूरे विश्व को विश्वशांति का संदेश देने का काम कर रहे है. पुरस्कार स्वीकारने के बाद समाज के प्रति मेरी जिम्मेदारी और बढी है.

डॉ. माशेलकर ने कहा, डॉ. कराड ने कई संस्थांए बनाई है. लेकिन असल में ये अपने आप में एक संगठन है.

डॉ. विजय भटकर ने कहा, संत ज्ञानेश्वर महाराज, संत तुकाराम महाराज, स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर विश्वशांति का संदेश पहूंचाने का काम डॉ. कराड कर रहे है. नए नए माध्यम द्वारा भारत ने सारे विश्व को विज्ञान और अध्यात्म का संदेश देना चाहिए.

डॉ. भूषण पटवर्धन ने कहा, डॉ. कराड ने छात्रों के मन में विज्ञान के साथ साथ आध्यात्मिकता के बीज बीज बोने का काम किया हैं. उन्हें शैक्षणिक संस्थानो में आध्यात्मिकता और विज्ञान को एक साथ लाने का श्रेय भी दिया जाता है

साथ ही श्रीनिवास पाटिल ने डॉ. कराड के साथ बीते पलों को याद किया. साथ ही उल्हास पवार, डॉ. सबनीस, पं. गाडगील, प्रा. सोनग्रा और बालासाहेब मोरे ने अपने विचार साझा किये

कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. राजेंद्र शेंडे ने रखी. डॉ. गौतम बापट ने सूत्र संचालन किया।

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