टाटा मोटर्स ने लगाये एक मिलियन से ज्यादा पेड़
मुंबई, : टाटा मोटर्स ने महाराष्ट्र के आदिवासी इलाकों में बदलाव लाने वाला एक मिशन – वन मिलियन प्लांटेशन इनिशिएटिव शुरू किया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लक्ष्य पालघर जिले के स्थानीय समुदायों के लिये आशा के बीज बोना है। अब तक फलों और वन्य प्रजाति के 1.5 मिलियन से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं। इससे आठ ब्लॉक्स में 13,000 एकड़ के क्षेत्र में कभी बंजर रही भूमि को नया जीवन मिला है।
इंटीग्रेटेड विलेज डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईवीडीपी) के तहत, टाटा मोटर्स की पहल न सिर्फ लोगों का पलायन रोकती है, बल्कि स्थानीय समुदायों को स्थायी आमदनी मुहैया कराकर उनके लिये कमाई के साधन भी पेश करती है। इसमें पौधे रोपने के बाद उनकी देखभाल के लिये एमएनआरईजी योजना का लाभ उठाया जाता है और फिर उपज की बिक्री की जाती है। अब तक 1.5 मिलियन पौधों से क्षेत्र के 13,000 किसानों को फायदा हुआ है। कभी खेती के उपयोग में न आई 13,000 एकड़ भूमि अब एक उत्पादक वाडी बन चुकी है। इससे लोगों को पोषण से भरपूर फल भी मिलते हैं और क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों की सेहत सुधरती है और पोषण का स्तर बढ़ता है।
इस सहयोगी मॉडल में टाटा मोटर्स पौधे का खर्च उठाता है और तकनीकी सहयोग देता है। प्रशिक्षण बीएआईएफ इंस्टिट्यूट ऑफ सस्टेनेबल लाइवलिहूड्स एण्ड डेवलपमेंट (बीआईएसएलडी) द्वारा दिया जाता है। परियोजना की लागत के एक बड़े हिस्से के लिये वित्तपोषण सरकार द्वारा एमएनआरईजी के माध्यम से दिया जाता है। यह फंडिंग पौधों की देखभाल की मजदूरी के तौर पर दी जाती है। मजदूरी सीधे किसानों के खाते में पहुँचती है और पौधों के टिकने की दर पर निर्भर करती है।
टाटा मोटर्स में सीएसआर के प्रमुख विनोद कुलकर्णी ने कहा, ‘‘वन मिलियन प्लांटेशन की पहल को एक दोहरी रणनीति के तौर पर देखा जा सकता है। यह अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी को मजबूती देने के लिये है, जिसमें भूमि एवं जीवन, दोनों की भलाई होती है। यह पहल स्थायी आजीविका के निर्माण से भारत के जनजातीय समुदायों को सहयोग देने के लिये हमारे पक्के समर्पण का प्रतीक है। मानसून आने वाला है और हम पालघर जिले के प्राकृतिक आवास में एक मिलियन और पेड़ लगाने की दिशा में बढ़ रहे हैं। बीआईएसएलडी और राज्य सरकार के साथ हमारा गठजोड़ राष्ट्र निर्माण के लिये हमारी साझा सोच एवं प्रतिबद्धता दिखाता है। साथ मिलकर हम पेड़ ही नहीं लगा रहे हैं, बल्कि ज्यादा हरे-भरे और समृद्ध भविष्य के लिए उम्मीद पैदा कर रहे हैं।‘’
टाटा मोटर्स ने इससे पहले 2018-19 में आजीविका पर आधारित वाडी मॉडल का पायलट शुरू किया था। इसमें पेड़ों की खेती होती थी और फलों तथा वन्य प्रजाति के पेड़ लगाये जाते थे। यह बंजर अथवा बिना इस्तेमाल हुई भूमि पर लगाये जाते थे और उनके लिये सही इंटरक्रॉप्स भी होती थीं। पायलट के तहत पालघर जिले में प्रति एकड़ फलों (मुख्य रूप से आम और काजू) के 100 पेड़ और वन्य प्रजाति के 100 पेड़ लगाये गये थे। वाडी मॉडल की सफलता से वन मिलियन प्लांटेशन अभियान द्वारा बड़े पैमाने पर इसे दोहराने की प्रेरणा मिली। दोनों पहलों ने समुदायों के लिये कमाई के स्रोत बनाने और परियोजना क्षेत्रों की जैव-विविधता को समृद्ध बनाने का दोहरा उद्देश्य पूरा किया है।