सांड़ों के बधियाकरण का अभियान 4 से 23 अक्टूबर तक होगा संचालित
रीवा : पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत सांड़ों के बधियाकरण कार्यक्रम को बधियाकरण अभियान के रूप में चलाया जायेगा। यह अभियान आगामी 4 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक संचालित किया जायेगा। इस अभियान में पशुपालकों के पास उपलब्ध निकृष्ट सांड़, गौशालाओं में उपलब्ध निकृष्ट सांड़ तथा निराश्रित निकृष्ट सांडों का शत-प्रतिशत बधियाकरण किया जाना है। बधियाकरण शासकीय एवं अशासकीय गौ-सेवक, मैत्री, कृ.गर्भा. कार्यकर्ता, दुग्ध समितियों के सचिव एवं एन.जी.ओ. के पशु स्वास्थ्य रक्षकों द्वारा संपादित किया जायेगा।
इस संबंध में उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाये डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि बधियाकरण अभियान प्रारंभ होने से 26 सितम्बर तक समस्त ग्रामों का सर्वे कराकर गांवों मे उपलब्ध निकृष्ट सांड़ों की जानकारी प्राप्त की जायेगी। इसमें पशुपालक का नाम, पता, मोबाइल नम्बर, बधियाकरण के लिये उपलब्ध निकृष्ट सांड़ों की संख्या तथा यूआईडी टैग नम्बर की जानकारी संधारित की जवेगी। बधियाकरण अभियान की अवधि के दौरान बधियाकरण निःशुल्क किया जायेगा। उप संचालक ने जिले के जनप्रतिनिधियों, पशु मालिकों, ग्राम के सरपंच, सचिवो से पंचायत स्तर पर बधियाकरण के लिये स्थान उपलब्ध कराने की अपील की है। उन्होंने अभियान की जानकारी से पशुपालकों को अवगत कराकर तथा उन्हें प्रोत्साहित करते हुये उपलब्ध निकृष्ट सांड़ों का बधियाकरण कराने की भी अपील की है।
उल्लेखनीय है कि जिले मे 6 लाख 67 हजार 626 गौवंश तथा 2 लाख 62 हजार 865 भैंस वंश उपलब्ध हैं। इसमे से 82 प्रतिशत अवर्णित पशु है, जिनकी दुग्ध उत्पादकता बहुत कम है। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिये जिले में गौ एंव भैस वंशीय पशुओं में नस्ल सुधार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत कम दूध देने वाली गायों एंव भैसों को उच्च नस्ल के सांड़ के सीमन से ब्राीडिंग कराकर उच्च अनुवांशिक क्षमता वाली गायें एंव भैंस पशु मालिको को उपलब्ध करायी जा रही हैं। नस्ल सुधार के कार्यक्रम की सफलता उच्च नस्ल के सांड़ों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। इसलिये उन्नत पशु प्रजनन कार्यक्रम की सफलता के लिये अबांधित नर पशुओ का बधियाकरण बहुत ही आवश्यक है।