पुणे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास का नारा और गोवा ६० के थीम पर गोवा सरकार महिला सशक्तिकरण पर अधिक जोर देने पर काम कर रही है. एक तरफ आत्मनिर्भर भारत और हम स्वयंपूर्ण गोवा पर काम कर रहे है. साथ ही एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट ने राष्ट्रीय महिला संसद का आयोजन कर हमें ताकत दी है. इसलिए हर २साल में एक बार यह संसद बुलाएंगे. यह आश्वासन गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने दिया.
गोवा विधानसभा, गोवा सरकार और एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट पुणे की ओर से श्याम प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे. गोवा की स्वतंत्रता की ६० वीं वर्षगांव के उपलक्ष्य में आयोजित यह कार्यक्रम होने जा रहा है.
इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन और जहाज निर्माण राज्य मंत्री श्रीपद यशो नाइक, एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक, मिटसॉग के संस्थापक और इस संसद के संयोजक राहुल विश्वनाथ कराड, गोवा के पूर्व ऊर्जा मंत्री और पर्यावरणवादी निर्मला सावंत, गोवा विधानसभा के अध्यक्ष राजेश पाटणेकर, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाव, राज्य के सार्वजनिक निर्माण मंत्री दिपक पावसकर, राज्य के सांस्कृतिक मंत्री गोविंद गावडे, विधायक अलिना सलदान्हा और राज्य के मुख्य सचिव परिमल रॉय उपस्थित थे.
डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा, लोकतंत्र को पर्व के रूप में मनाते हुए गोवा सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर विकास कार्य कर रही है. हर घर नल से जल योजना के तहत घरों में पानी उपलब्ध कराया गया. यहां हर घर में मुफ्त शौचालय की व्यवस्था की गई है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लक्ष्मी, ममता, कन्या धन, सीएम रोजगार समेत केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को लागू किया गया है. उसी तरह सरकार महिलओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को रोजगार मुहैया करा रही है. गोवा देश का पहला राज्य है जहां सुरक्षा के लिहाज से अपराध में ९३ फीसदी की कमी आई है. इस तरह ६० साल में एक आत्मनिर्भर गोवा आज देश के सामने आ गया है.
गोवा सरकार ने ग्राम पंचायतो में महिलाओं को ३३ फीसदी आरक्षण दिया है. इसलिए, राजनीति और समाजशास्त्र में उनकी भागीदारी बढ रही है. यह महिला, खेल, संस्कृति, कृषि जैसे कई क्षेत्रों में भी फल फूल रहा है. एमआईटी द्वारा शुरु किया गया राष्ट्रीय महिला सम्मेलन महिलाओं को आत्मविश्वास और नई ऊर्जा के विचार देगा. तभी महिला कल्याण की नई अवधारणाएं सामने आएंगी. मुख्यमंत्री ने सभी महिलाओं से इसका पूरा लाभ उठाने की भी अपील प्रमोद सावंत की.
श्रीपाद यशो नाइक, भारतीय लोकतंत्र एक दीपस्तंभ की तरह हमारा मार्गदर्शन कर रहा है. यह स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का परिणाम है. जिस देश में महिलाएं आगे होती है वह देश अपने आप आगे बढ जाता है. देश की महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है. वे अपने कर्मों के बल पर इर देश को और भी आगे ले जा रहे है. वह देश के सामने आने वाली सभी चुनौतियों का सामना करेंगे. उसेक लिए एमआईटी द्वारा आयोजित यह संसद निश्चित रुप से उन्हें ताकत देने का काम करेगी.
गोविंद गावडे ने कहा, गोवा राज्य में महिलाओं के लिए महिला संसद का आयोजन कर लोकतंत्र को उत्सव में भाग लेना महत्वपूर्ण है. इसने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए एक मंच तैयार किया है. अंतिम व्यक्ति के विकास से ही राष्ट्र का विकास होगा. महिलाओं की मानसिकता बदलने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने का काम किया जाएगा. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत भविष्य में महाशक्ति बनेगा.
निर्मला सावंत ने कहा, महिलाओं के सामने चुनौतियां हर बार बदल रही है. सामान्य और कनिष्ठ वर्ग की महिलाओं के लिए निम्नलिखित चुनौतियां भिन्न है. महिलाओं के प्रति समाज की सोच को बदलने की जरुरत है.इसके लिए उन्हें शिक्षा की जरूरत है. इसे समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाना चाहिए. महिलाओं के विकास के लिए अलग अलग बोर्ड बनाकर इनका विकास किया गया लेकिन अब यह जरूरी नहीं है. एमआईटी ने इस सम्मेलन के आयोजन से महिलाओं को नई ऊर्जा दी है. यह बहुत ही गर्व बात है.
चर्चिल अलेमाओ ने कहा, लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सभी धर्मो के लोगों को एकजुट होने की जरुरत है. सभी पार्टियों का एक साथ आना भी जरुरी है. आज इस संसद के आहूत होने के कारण बडी संख्या में महिलाएं अपने बच्चों की देखभाल कर रही है. अगर इस संसद से कुछ विचार ले गए तो आने वाली पीढी जरुर उन्हें मजबूत बनाएगी.
राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, एमआईटी स्कूल ऑेफ गवर्नमेंट की स्थापना २००५ में राजनीति को एक नई दिशा देने ओर शिक्षित युवाओं को राजनीति में लाने के लिए की गई थी. इस संगठन के माध्यम से भारतीय छात्र संसद, राष्ट्रीय महिला संसद और सरपंच संसद जैसी गतिविधियों को क्रियान्वित किया जा रहा है. गोवा की ६०वीं वर्षगांठ और देश के अमृत उत्सव के मौके पर लोकतंत्र का जश्न मनाया जा रहा है. इसलिए महिला सशक्तिकरण के लिए गोवा सरकार के सहयोग से इस संसद, युवा संसद और पंचायत संसद का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने अनुरोध किया कि निकट भविष्य में गोवा फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी की शुरूआत की जाए.
अलिना सलदान्हा ने कहा, हर बार महिलओं ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. उन्होंने राजनीति, शिक्षा, मीडिया, कला और संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है. इस सम्मेलन में विशेषज्ञों के माध्यम से अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी.
गोवा विधानसभा के अध्यक्ष राजेश पाटणेकर ने अपने स्वागतपर भाषण में कहा, गोवा सरकार ने एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट के साथ इस सांसद का आयोजन किया है. लोकतंत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के लिए यह संसद महत्वपूर्ण है. सामाजिक, वित्तीय और राजनीति में महिलाओं की भूमिका भी अहम है.
प्रा. गौतम बापट और संगीता अभ्यंकर ने सूत्रसंचालन किया. दिपाली नाईक ने सभी का आभार माना.