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एग्रोस्टार ने जुटाया 520 करोड़ का फंड

एग्रोस्टार ने जुटाया 520 करोड़ का फंड

पुणे; एग्रोस्टार ने अपनी डी सीरीज फंडिंग में इवॉल्वेंस, ग्लोबल एसेट मैनेजर श्रोडर्स कैपिटल, हीरो एंटरप्राइज और ब्रिटेन के डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन सीडीसी से 520 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है। इसमें कंपनी के मौजूदा निवेशकों आविष्कार कैपिटल, एक्सेल, बर्टेल्समैन, चिराते वेंचर्स और राबो फ्रंटियर वेंचर्स की भागीदारी भी देखी गई। इस लेनदेन में राइन ग्रुप ने विशेष सलाहकार की भूमिका निभाई।

सितांशु शेठ और शार्दुल शेठ के द्वारा स्थापित, एग्रोस्टार “हेल्पिंग फार्मर्स विन” के मिशन पर काम कर रही है। यह कंपनी, डेटा और टेक्नोलॉजी के माध्यम से किसानों की अच्छी गुणवत्ता वाले कृषि-उत्पादों तक पहुंच की समस्याओं और पारंपरिक कृषि पद्धतियों की मुश्किलों को हल कर रही है। एग्रोस्टार आज भारत का सबसे बड़ा डिजिटल किसान नेटवर्क और कृषि-सामग्री का प्लेटफॉर्म है जो, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में 50 लाख से अधिक किसानों को अपनी सेवाएं दे रहा है।

3,767 करोड़ के कृषि-सामग्री का बाजार ज्ञान की कमी और गुणवत्ता वाले उत्पादों तक पहुंच की चुनौती के परिणामस्वरूप कम फसल उत्पादन कर रहा है। एग्रोस्टार ने इस अंतर को दूर कर किसानों के लिए एक बहुभाषी कंटेट-आधारित कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाया है। एग्रोस्टार अपने इस प्लेटफॉर्म पर तेजी से विकास भी देख रहा है, हाल ही में एग्रोस्टार एप ने 50 लाख डाउनलोड की बड़ी सफलता को हासिल किया है। किसान कृषि विज्ञान सामग्री को पढ़ने और देखने के लिए एग्रोस्टार एप का उपयोग करते हैं। इस पर फसलों से संबंधित सलाह लेने के लिए, अपनी फसल की समस्याओं की तस्वीरें पोस्ट करते हैं, साथी किसान पोस्ट साझा करते हैं और उनपर टिप्पणी करते हैं, कृषि उत्पादों को खोजने के लिए वॉयस सर्च का उपयोग करते हैं साथ ही, उनकी खरीददारी भी करते हैं। कंपनी के सह-संस्थापक और सीओओ, सितांशु शेठ ने बताया कि, “एग्रोस्टार एप ने पिछले वर्ष की तुलना में वीडियो कंटेट में 10 गुना की वृद्धि देखी है। उन्होंने कहा, हमारा एप भारतीय किसानों के उपयोग के लिए आसान है और उन्हें वास्तविक जानकारी देता है। यह सिर्फ शुरुआत है, अगले कुछ वर्षों में 14 करोड़ से अधिक भारतीय किसानों द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाने में काफी तेजी आने की उम्मीद है।”

एग्रोस्टार ने अपने ब्रांड को कंटेंट, कृषि-सलाह और कृषि-उत्पाद ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म से लेकर एग्रोस्टार ब्रांडेड स्टोर्स खोलने के साथ एक ओमनीचैनल प्लेटफॉर्म के रूप में विस्तारित किया है। कई राज्यों में ब्लॉक स्तर पर खोले गए ये स्टोर एग्रोस्टार के ब्रांड आकर्षण के साथ ही अपने किसानों को कृषि कंटेंट और सूचना-आधारित दृष्टिकोण का लाभ देते हैं। एग्रोस्टार ने पिछले बारह महीनों में अपने ब्रांड स्टोर को 50 से बढ़ाकर 1,000 से अधिक कर लिया है।

एग्रोस्टार, किसानों के लागत में कमी और उपज में वृद्धि लाकर काफी प्रभाव ला रहा है। सीडीसी द्वारा इस वर्ष पेश की गई एक रिपोर्ट बताती है कि, 82 फीसदी किसानों ने बताया कि एग्रोस्टार के कारण उनके जीवन की गुणवत्ता बेहतर हुई है और 73 फीसदी ने बताया कि एग्रोस्टार का कोई विकल्प नहीं है।

हालिया फंडिंग पर टिप्पणी करते हुए, कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ शार्दुल शेठ ने कहा कि, “एग्रोस्टार अपनी स्थापना के समय से ही “हेल्पिंग फार्मर्स विन“ के अपने मिशन के प्रति सच्चा रहा है। अब हम डिजिटल और भौतिक दोनों तरह से अपने किसानों को एक सहज अनुभव प्रदान करने के लिए अपनी ओमनीचैनल रणनीति को दोगुना कर रहे हैं। हम अपने तकनीकी प्लेटफॉर्म को मजबूत करने, वरिष्ठ प्रतिभाओं को अपने साथ जोड़ने, नई श्रेणियों, भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार और 5,000 से अधिक एग्रोस्टार ब्रांडेड रिटेल स्टोरों द्वारा अपनी ओमनीचैनल रणनीति को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं। हम अपने बड़े और बढ़ते किसान क्षेत्र को सार्थक मार्केट लिंकेज वैल्यू प्रदान करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार भी करेंगे और हम इस क्षेत्र में अधिग्रहण के अवसरों को भी देखेंगे।

निवेश पर बोलते हुए, इवॉल्वेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक, अभिषेक चंद्रा ने कहा, “हम एग्रोस्टार के बिजनेस मॉडल में दृढ़ विश्वास रखते हैं। क्योंकि यह सबसे बड़ा तकनीक-सक्षम ओमनीचैनल प्लेटफॉर्म का निर्माण करके कृषि क्षेत्र में सर्विस की कमी को खत्म करता है। जो किसानों तक सही कृषि ज्ञान की पहुंच और उन्हें गुणवत्तापूर्ण उत्पाद खरीदने में सक्षम बनाता है। संस्थापकों का सामर्थ्य और ज्ञान प्रथम दृष्टिकोण एग्रोस्टार को दूसरों से अलग बनाता है। हम आगे भी एग्रोस्टार के साथ साझेदारी करने को लेकर उत्साहित हैं।”

हीरो एंटरप्राइज के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल ने कहा, “हम हीरो एंटरप्राइज में मानते हैं कि, छोटे उद्योग के अलावा कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस काम में लगा हुआ है। डिजिटलीकरण और समकालीन प्रबंधन प्रथाएं खेती में जबरदस्त मूल्य जोड़ सकती हैं। हम एग्रोस्टार की यात्रा का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं और तीन साल से अधिक समय से इस कंपनी को फॉलो कर रहे हैं। हम विशेष रूप से कंपनी की एक्जक्यूशन क्षमताओं, टिकाऊ व्यापार मॉडल और जिस तरह से वे प्रौद्योगिकी का उपयोग ज्ञान और बेहतर गुणवत्ता वाले सामान प्रदान करने के लिए कर रहे हैं जिसके कारण किसानों को पैदावार और आय बढ़ाने में मदद मिल रही हैं और इस से हम सबसे अधिक प्रभावित हैं। किसान-प्रथम दृष्टिकोण, एक सर्वव्यापी मंच और किसान समुदाय के साथ मजबूत संबंध एग्रोस्टार को सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पैदा करने में मदद कर रहे हैं और हमारा मानना ​​है कि एग्रोस्टार में इस दशक में बाजार पर हावी होने की क्षमता है।

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