सीतामढ़ी

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक हुई आयोजित

सीतामढी बिहार: .जिलाधिकारी सुनील कुमार यादव की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित विमर्श कक्ष में जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सर्वप्रथम निगरानी समिति की बैठक के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए रबी एवं खरीफ मौसम के पूर्व जिला में कृषि आच्छादित क्षेत्र ,विगत वर्षों में उर्वरकों की खपत एवं वर्तमान रबी फसल के मौसम में उर्वरकों की आवश्यकता एवं उपलब्धता की विस्तृत जानकारी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से उपस्थित माननीय जनप्रतिनिधियों को दिया। इसके पूर्व जिला कृषि पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में थोक उर्वरक विक्रेता की संख्या 24 है वही खुदरा उर्वरक विक्रेता की संख्या 594 है ।उन्होंने बताया कि वर्तमान रबी के मौसम में जिले में यूरिया की कुल आवश्यकता 30800 एमटी है जिसके आलोक में अभी तक कुल 7701.93 एमटी यूरिया जिले को प्राप्त हुई है। डीएपी की आवश्यकता 8800 एमटी है जिसके आलोक में मात्र 3551.85 एमटी आपूर्ति हुई है। पोटाश की आवश्यकता 2755 एमटी है वही जिले को अभी तक939 एमटी ही प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि शेष आवश्यकता हेतु उर्वरक की आपूर्ति के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले खरीफ फसल के दौरान गुणवत्ता जाँच हेतु उर्वरक विक्रेताओं से 62 नमूना का संग्रहण किया गया जिससे जांच हेतु प्रयोगशाला में भेजा गया जांच के क्रम में 10 उर्वरक नमूना मानक के विपरीत पाया गया जिसके आलोक में संबंधित उर्वरक विक्रेताओं पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए उनकी लाइसेंस रद्द किया गया है। उन्होंने बताया कि 54 विक्रेताओं पर छापेमारी की गई जिसमें 7 में अनियमितता पाई गई जिसके आलोक में एक पर प्राथमिकी दर्ज की गई है वहीं 6 से स्पष्टीकरण पूछा गया है। बैठक में सभी ने एक स्वर में निर्णय लिया कि जिले में आवश्यकता के अनुरूप उर्वरक की उपलब्धता को लेकर और भी तेजी के साथ प्रयास किया जाएगा। उपस्थित माननीय विधायक रीगा श्री मोतीलाल एवम माननीय विधायक सुरसंड श्री दिलीप राय आदि ने कहा कि वे अपने स्तर से भी जिले में मांग के अनुरूप उर्वरक की उपलब्धता को लेकर माननीय कृषि मंत्री से भी बात करेगे ताकि जिले के किसानों को रबी फसल के मौसम में उर्वरक की कमी का सामना नही करना पड़े। जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान में जिले में उपलब्ध खाद का सही एवम निर्धारित मूल्य पर वितरण को सुनिश्चित करने को लेकर जिला स्तर पर टीम गठित कर जाँच की जाएगी। फसल क्षतिपूर्ति के संबंध में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि खरीफ मौसम में दो चरणों मे खड़ी फसल की क्षति हुई है। प्रथम चरण के लिए 60431 आवेदन प्राप्त हुए है,जिसके आलोक में कृषि समन्यवको द्वारा फसल क्षति का सत्यापन कार्य शुरू किया जा रहा है। प्रभावित स्थल या खेत मे कृषि समन्यवक जाकर संबधित किसान के साथ फोटो लेंगे। उन्होंने बताया कि 2018-19 से लेकर वर्तमान वर्ष तक का एलपीसी या रशीद मान्य होगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि फसल क्षति के आकलन के कार्य की मॉनिटरिंग हेतु व्हाट्सअप ग्रुप बनाये और उसमें की किसानों के प्रभावित खेत की तस्वीर आदि डाले। जिलाधिकारी ने कहा कि धान अधिप्राप्ति के कार्य पर निगरानी हेतु जिला स्तरीय टीम बनाकर औचक जाँच की जाएगी और गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित पैक्स के विरुद्ध त्वरित करवाई की जाएगी। उक्त बैठक में माननीय विधायक रीगा श्री मोतीलाल प्रसाद,माननीय विधायक सुरसंड श्री दिलीप राय, प्रतिनिधि श्री रामचन्द्र पूर्वे श्री राम नरेश मंडल,डीडीसी विनय कुमार,निर्देशक डीआरडीए मुमुक्षु चौधरी,जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार यादव,सभी थोक उर्वरक विक्रेता सहित कई वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

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