अनील शर्मा की रिपोर्ट :
जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग में गुरूवार को समारोह आयोजित कर राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आयोग की सदस्य डाॅ पूनम शर्मा ने आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार ने उपभोक्ता के हितों की रक्षा के लिए 24 दिसम्बर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम देश में लागू किया था। समय-समय पर कानून में संशोधन किया गया, जो उपभोक्ताओं को और अधिक ताकत देता है। उन्होने यह भी कहा कि पूर्व में 20 लाख रूपये तक के विवाद का निपटारा करने की शक्ति जिला उपभोक्ता आयोग को थी, लेकिन नये कानून के तहत अब एक करोड़ रूपये तक के विवाद का निपटारा किया जा सकता है। उन्होंने इस न्यायालय में वाद दायर करने की सरल प्रक्रिया से लोगों को अवगत कराते हुए कहा कि उपभोक्ता अपनी शिकायत को स्वयं भी यहां रख सकते हैं। सभी उपभोक्ताओ को सुरक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, वस्तु चुनने का अधिकार, उपचार का अधिकार तथा शिक्षा का अधिकार प्राप्त है। वहीं अधिवक्ता चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि भारत के सभी लोगों को मौलिक अधिकार की तरह ही उपभोक्ता का भी अधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहा कि आप किसी सामान की खरीदारी करते हैं तो उसका रसीद अवश्य लें, ताकि सामान में त्रुटी आने पर उसी रसीद के आधार पर मुकदमा दायर किया जा सके। जबकि अधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि नये कानून के तहत जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग की शक्ति में बढोतरी की गई है। कोई भी दुकानदार तथा सेवा देने वाली कम्पनी सहित अन्य सरकारी उपक्रम लोगों को ठग नही सकता है। मौके पर अधिवक्ता किशोर कुमार रोहित, डाॅ संजय कुमार मिश्रा, अनिल कुमार बुब्लू, कर्मी जगदीष प्रसाद, पारसनाथ सिहं, बाबर अली, रविन्द्र कुमार, रविन्द्र कुमार वर्मा, बिरेन्द्र प्रसाद सिहं, सतीश कुमार, दिलखुश कुमार, अनिल कुमार तथा बिरेन्द्र सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।