पूणेहादसा

पंचतत्व में विलीन हुई कवयित्री उर्मिला विश्वनाथ कराड बडी संख्या में मौजूद लोगों ने नम आंखों से दी विदाई

पंचतत्व में विलीन हुई कवयित्री उर्मिला विश्वनाथ कराड
बडी संख्या में मौजूद लोगों ने नम आंखों से दी विदाई

पुणे : वरिष्ठ कवयित्री, लेखिका तथा माईर्स एमआईटी शिक्षा संस्था समूह के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड की पत्नी उर्मिला कराड गुरूवार को पंचतत्व में विलीन हो गई. महानगर के वैकुंठ श्मशान घाट पर पूरे वैदिक विधी विधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया. पुत्र राहुल विश्वनाथ कराड ने मुखाग्नि दी. इस दौरान यहां बडी संख्या में मौजूद लोगों ने नम आंखो से उन्हें विदाई दी.
यहां पर प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड के परिवार के सभी सदस्यों के साथ ही भारी संख्या में शैक्षणिक, सामाजिक, अध्यात्मिक, राजनीतिक एवं अन्य क्षेत्र के गणमान्य मौजूद थे. इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए कोथरूड स्थित एमआईटी के संत ज्ञानेश्वर सभामंडप के प्रांगण में रखा गया. जहां पुणे के पूर्व महापौर मुरलीधर मोहल, भारती विश्वविद्यालय के डॉ. शिवाजीराव कदम, विधायक डॉ. विश्वजीत कदम, डॉ. संजय चोरडिया, डॉ. सुधाकरराव जाधवर, उल्हास पवार, डॉ. विजय भटकर, पं. वसन्तराव गाडगील, बबनराव ढाकणे, वरिष्ठ पत्रकार मधुकर भावे, आदिनाथ मंगेशकर, अभय छाजेड, संदीप खर्डेकर, निलेश निकम, आबा बागूल, माधुरी सहस्त्रबुद्धे, लातूर के भाजपा शहराध्यक्ष, विजय कोलते, मिलिंद जोशी, हभप हांडे महाराज, गोदावरी मुंडे, विष्णू महाराज केंद्र, पी.बी. जोशी समेत एमआईटी संस्था के सभी कर्मचारी, शिक्षक और छात्रों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अंतिम विदाई दी.
गौरतलब है कि ७९ वर्षीय उर्मिला विश्वनाथ कराड का बुधवार को निधन हो गया था. एमआईटी के निर्माण में प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड को उन्होंने बहुमूल्य योगदान दिया था. साथ ही एक कवयित्री और लेखिका के रूप में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी. बचपन से ही उन्हें कविताओं को रचने की रूचि थी. उन्होंने निर्मित किए साहित्य को सामाजिक, शिक्षा एवं अध्यात्मिक क्षेत्र से सम्मानित किया गया.

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