रीवा

राजस्व अधिकारी सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण प्राथमिकता से निराकृत करें – कलेक्टर

राजस्व अधिकारी सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण प्राथमिकता से निराकृत करें – कलेक्टर

रीवा एमपी: कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में उपस्थित राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व कार्यों के साथ सीएम हेल्पलाइन के लंबित प्रकरणों का भी प्राथमिकता से निराकरण करें। बड़ी संख्या में प्रकरण लंबित रहने के कारण राजस्व विभाग की ग्रेडिंग में गिरावट आई है। चुनाव का कार्य पूरा हो गया है। अब हर अधिकारी प्रतिदिन सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण के विशेष प्रयास करे। माह में चार बार इसकी समीक्षा की जाएगी। नवीन प्रकरणों के अनुसार एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों की रैंकिंग की जाएगी। यदि लेवल-1 से प्रकरण बिना किसी कार्यवाही के लेवल-2 पर जाएगा तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि जब तक अधिकारी स्वयं सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण में रूचि नहीं लेंगे तब तक स्थिति में सुधार नहीं होगा। मांग आधारित शिकायतों को अलग करके उनके क्लोज करने की कार्यवाही करें। एसडीएम अपने अनुभाग में लंबित प्रकरणों के निराकरण की नियमित समीक्षा करें। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े ने कहा कि शिकायत प्राप्त होने के बाद उसमें प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से दर्ज करें। प्रकरण में यदि कार्यवाही की जा रही है तो इसका भी उल्लेख करने से वह अनअटेंडेंट नहीं रहता है। केवल जवाब दर्ज कर देने से 10 अंक प्राप्त हो जाते हैं। आगामी समीक्षा में यदि किसी भी अधिकारी के 10 से कम अंक आए तो कार्यवाही की जाएगी।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी 50 दिनों से लंबित शिकायतों के निराकरण पर विशेष ध्यान दें। इन्हें संतुष्टिपूर्वक निराकृत करने के प्रयास करें। मांग संबंधित शिकायतों को हर माह की 5 तारीख तक क्लोज कराएं। हर माह की 15 से 18 तारीख तक तहसील स्तर पर शिविर लगाकर तहसीलदार, संबंधित राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी को बुलाकर लंबित शिकायतों पर कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसके बाद जो शिकायतें लंबित रहती हैं उनका 19 तारीख को जिला स्तर पर शिविर लगाकर निराकरण किया जाएगा। इस रणनीति से कार्य करेंगे तो बड़ी संख्या में लंबित शिकायतों का तेजी से निराकरण होगा। केवल लगातार ध्यान न देने के कारण शिकायतों की संख्या में वृद्धि हो रही है। बैठक में आयुक्त नगर निगम मृणाल मीणा, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, संयुक्त कलेक्टर एके झा, डिप्टी कलेक्टर संजीव पाण्डेय, सभी एसडीएम, तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।

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