पूणे

पीएनबी मेटलाइफ ने वृक्षारोपण अभियान के साथ 21वीं वर्षगांठ मनाई

पीएनबी मेटलाइफ ने वृक्षारोपण अभियान के साथ 21वीं वर्षगांठ मनाई

पुणेे : भारत के अग्रणी जीवन बीमाकर्ताओं में से एक, पीएनबी मेटलाइफ ने पुणे के डाइव विलेज में वृक्षारोपण अभियान के साथ अपनी 21वीं वर्षगांठ मनाई। इस अभियान से आने वाले वर्षों में पारिस्थितिकी तंत्र को स्थिरतापूर्ण बनाने के प्रयासों को बल मिलेगा।

पीएनबी मेटलाइफ के लीडर्स, कर्मचारियों, वितरकों और भागीदारों ने पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्वयं पौधे लगाये और वृक्षों एवं हरित निम्नीकृत भूमि के पोषण के प्रयासों में स्थानीय समुदाय को समर्थन दिये।

पीएनबी मेटलाइफ के सीएचआरओ, श्री शिशिर अग्रवाल ने कहा, “21 साल की हमारी विकास यात्रा सर्वोत्तम कोटि के उत्पादों और सेवाओं के साथ हमारे ग्राहकों की सेवा करने और उन्हें खुशी देने के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है। पीएनबी मेटलाइफ में, हम पर्यावरणीय निम्नीकरण के प्रभाव को दूर करने के लिए सक्रिय कदम उठाने में विश्वास करते हैं, और यह छोटा कदम हमारे लोगों, ग्राहकों और समुदायों को अधिक आत्मविश्वासपूर्ण भविष्य बनाने में मदद करने के हमारी कंपनी के उद्देश्य से जुड़ा हुआ है। इस वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से हमारी वर्षगाँठ मनाकर, हम अधिक स्थिरतापूर्ण दुनिया के निर्माण में योगदान करना चाहते हैं।”

यह वृक्षारोपण अभियान ‘ग्लो ग्रीन’ के तहत आयोजित किया गया था। ग्लो ग्रीन, पीएनबी मेटलाइफ की एक पहल है जो स्थिरतापूर्ण समुदायोन्मुख परिवर्तन लाने के लिए बीमाकर्ता की प्रतिबद्धता का एक अभिन्न अंग है। इस पहल के तहत, पीएनबी मेटलाइफ का उद्देश्य उत्तराखंड, दिल्ली एनसीआर, कर्नाटक और पुणे में चार स्थानों पर 40,000 पेड़ लगाना और उनका पोषण करना है। ये पौधे भारत में लगभग 50+ एकड़ हरित आवरण को बढ़ाएंगे और उनके पूरे जीवनकाल के भीतर लगभग 35,000 + टन ऑक्सीजन का उत्पादन करने और लगभग 20,000 + टन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने में मदद करेंगे।

इन क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने से, आसपास के समुदायों और गांवों को बेहतर वायु गुणवत्ता, पक्षियों, कीटों और वन्यजीव के रूप में अधिक जैव विविधता और रिचार्ज्ड ग्राउंड वाटर टेबल के माध्यम से भी लाभ प्राप्त हो सकेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्थानीय समुदायों के लोगों को पौधे लगाने और उनकी निगरानी करने के लिए काम पर रखने से ग्रामीण रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिली है।

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