‘समायरा’ एक अनोखी यात्रा कहानी
यह एक अनोखे सफर की कहानी है कि कैसे समायरा अपने माता-पिता की तलाश में सवालों के घेरे में फंसी खुद को सुलझाती है और कुछ समय से छुपे अपने जीवन के रहस्य धीरे-धीरे सामने आने लगते हैं। यह फिल्म आज की पीढ़ी को अध्यात्म का महत्व बताएगी। इस यात्रा में उनकी मुलाकात उनके साथी से होती है और उनका धीरे-धीरे खिलता रिश्ता निश्चित रूप से दर्शकों को पसंद आएगा। ऋषि श्रीकृष्ण देशपांडे के निर्देशन में बनी फिल्म ‘समायरा’ 26 अगस्त को दर्शकों के सामने आ रही है.
यह पंढरपुर का सफर है और दर्शकों के सामने दो गाने ‘आला रे हरि आला रे’ और ‘सुंदर ते ध्यान’ रिलीज हो चुके हैं. संत तुकाराम के अभंग और संत ज्ञानेश्वर को नए आधुनिक अंदाज में प्रस्तुत किया गया है और ये दोनों गीत निहार शेंबेकर और जुईली जोगलेकर की सुरीली आवाज में हैं। इन दोनों गानों को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और फिल्म के अन्य गाने भी जल्द ही रिलीज किए जाएंगे।
फिल्म के बारे में निर्देशक ऋषि कृष्ण देशपांडे कहते हैं, “यह एक ऐसी फिल्म है जो वर्तमान युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती है। दर्शकों ने ‘समायरा’ के ट्रेलर को शानदार प्रतिक्रिया दी है। साथ ही गानों को शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। हर किरदार एक कहानी है। वही ‘समायरा’ की कहानी है।” मुझे यकीन है कि दर्शकों को यह फिल्म पसंद आएगी।”
ग्लोबल सेवा एलएलपी द्वारा प्रस्तुत, अद्योत फिल्म्स के सहयोग से, ‘समायरा’ का निर्माण डॉ. इसे जगन्नाथ सुरपुरे, रतन सुरपुरे, शशिकांत पनत, योगेश अलंदकर और ऋषि श्रीकृष्ण देशपांडे ने किया है. साथ ही इस फिल्म की पटकथा और संवाद सुमित विलास तांबे के हैं।