महाराष्ट्रराजनीति

मार से नहीं प्यार से सिखाएंगे मराठी’, क्या MNS के मुद्दे को हाईजैक करेगी उद्धव की पार्टी?

मार से नहीं प्यार से सिखाएंगे मराठी’, क्या MNS के मुद्दे को हाईजैक करेगी उद्धव की पार्टी?

महाराष्ट्र: राज ठाकरे की एमएनएस पार्टी महाराष्ट्र में मराठी भाषा में कामकाज और उसके सीखने पर जोर दे रही है. अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना की भी इस मुद्दे में एंट्री हो गई है. आनंद दुबे ने पोस्टर लगाकर मराठी भाषा को प्यार से सिखाने की बात कही है. क्या उद्धव ठाकरे की पार्टी अब एमएनएस के मुद्दे को हाईजैक कर रही है?

महाराष्ट्र में राज ठाकरे की एमएनएस पार्टी की ओर से छेड़े गए मराठी वर्सेस अमराठी मुद्दे पर उद्धव ठाकरे के शिवसेना की एंट्री हो गई है. उद्धव ठाकरे के उत्तर भारतीय नेता एवं पार्टी प्रवक्ता आनंद दुबे ने इसको लेकर कई जगह पर पोस्टर लगवाए हैं. उन्होंने कहा कि हम मार से नहीं, बल्कि प्यार से मराठी सिखाएंगे.

दरअसल, महाराष्ट्र में मराठी भाषा को बोलने और सीखने को लेकर राज ठाकरे की पार्टी का बैंक आंदोलन उग्र रूप दिखाई दिया. 30 मार्च को एमएनएस कार्यकर्ता पहले बैंक मैनेजर को फूल देते हैं. उसके बाद फिर चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर बैंकिंग कामकाज मराठी में नहीं किया तो आगे पत्थर मिलेंगे।

मराठी भाषा पर शिवसेना के पोस्टर की एंट्री

कानून हाथ में लेने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में चेतावनी दी थी कि मराठी भाषा के इस्तेमाल की मांग को लेकर कुछ लोग कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

फडणवीस ने कहा कि मराठी भाषा के इस्तेमाल पर जोर देना गलत नहीं है, लेकिन अगर ऐसा करते समय किसी ने भी कानून को अपने हाथ में लिया तो संबंधित लोगों के साथ उचित तरीके से निपटा जाएगा.

मराठी भाषा पर MNS का आक्रामक रुख

राज ठाकरे की एमएनएस राज्य में मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक और नागपुर जैसे बड़े निगमों में चुनाव से पहले मराठी पहचान के एजेंडे को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ा रही है. MNS कार्यकर्ताओं ने ठाणे और पुणे जिलों में अलग-अलग राष्ट्रीयकृत बैंकों के दो प्रबंधकों से ग्राहकों से संवाद करते समय मराठी का उपयोग न करने को लेकर उनके साथ बदसलूकी की. ये घटनाएं ठाणे के अंबरनाथ शहर और पुणे के लोनावाला में हुईं.

एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने 30 मार्च को गुड़ी पड़वा के मौके पर आयोजित एक रैली में आधिकारिक कार्यों के लिए मराठी को अनिवार्य बनाने के अपने पार्टी के रुख को दोहराया था. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग जानबूझकर मराठी भाषा नहीं बोलेंगे, उन्हें थप्पड़ मारा जाएगा.

मराठी भाषा में महत्व नहीं देने का आरोप

एमएनएस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बैंकों में मराठी भाषा का इस्तेमाल कम किया जा रहा है, इससे वहां के स्थानीय लोगों को मुश्किल उठाना पड़ता है. वर्सोवा के एक मार्ट में मराठी न बोलने को लेकर MNS कार्यकर्ताओं ने कर्मचारी की जमकर पिटाई की और मराठी में माफी मंगवाई.

अंधेरी के पवई में एलएनटी कंपनी के एक सिक्युरिटी गार्ड ने जब मराठी न बोलने की बात कही तो एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने उसे पीट दिया. कई थप्पड़ मारने के बाद मराठी भाषा में उससे माफी मंगवाई.

 

सूत्रों का कहना….

सूत्रों बताते हैं।की  एक तरफ परप्रातियों उधोगों बैंकों, सिक्योरिटी गार्ड मॉलों में मराठी भाषा नहीं वोलने को लेकर  हमाले किये जा रहें ।पोस्टर बाजी,

कहीं न कहीं यह मुद्दा मनसे को चुनाव मैदान ले डुबेगा,  क्यों कि सूत्रों का कहना है 2008 के परिणाम से अंदाजा लगाया जा सकता है।

अगर कोई पंजाब, कर्नाटक, उड़ीसा, राजस्थान, हरियाणा बिहार, केरला और भी राज्यों में व्यवसाय करने जायेगा तो क्या वहां भी उनके साथ भाषा बाजी  मारपीट होगी?

इस समय चुनाव मैदान में बोट बैंक उद्धव ठाकरे की शिवसेना की तरफ अथवा बीजेपी की तरफ रूख दिखाई दे रहा है। अगर अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो इससे उद्धव ठाकरे को अच्छा खासा बोट मिलने की संभावना जताई जा रही है।

 

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