स्पेस टेक्नॉलॉजी में महाशक्ति बनने की ओर भारत का कदम
इसरो वैज्ञानिक डॉ. पी जी दिवाकर की राय; एमआईटी एडीटी युनि्हर्सिटी के सातवें बैच का स्वागत कार्यक्रम
पुणे: हम भारत की आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहे हैं. पिछले 75 सालों में भारत ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. कई चुनौतियों का सामना करते हुए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी में भारत को समृद्ध किया है. भारत अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी में विश्व महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है. भारत अब सैन्य शक्ति, कृषि, खाद्य व्यवसाय, ड्रोन प्रौद्योगिकी में एक शक्तिशाली देश के रूप में जाना जाने लगा है. भारत दुनिया में सबसे बड़ी युवा शक्ति वाला देश है, जो तीव्र गति से विकास को गति देने में सक्षम है. सटीक और प्रभावी कूटनीति के परिणामस्वरूप वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति लगातार मजबूत हो रही है, ऐसा मत वैज्ञानिक और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक सचिव डॉ. पी।.जी. दिवाकर ने व्यक्त किया.
वे एमआईटी आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के सातवें बैच स्वागत कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे. इस मौके पर अटल इनोवेश मिशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमन्ना रामनाथन, डॉ. उज्ज्वल पाटनी, एमआईटी एडीटी युनिव्हर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष और कुलपति प्रा. डॉ. मंगेश कराड, डॉ. संजय उपाध्याय, डॉ. सुनीता मंगेश कराड, डॉ. अनंत चक्रदेव, डॉ. महेश चोपडे, डॉ. किशोर रवांदे, डॉ. रजनीश कौर सचदेव बेदी, डॉ. रामचंद्र पुजेरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
डॉ. पी. जी. दिवाकर ने कहा, छात्रों को देश के विकास के लिए प्रौद्योगिकी और विज्ञान को अपनाना चाहिए. भारत दुनिया का इकलौता देश है, जिसने बिना किसी असफलता के मंगल पर यान भेजा. चंद्रमा एक बहुत ही अनोखा उपग्रह है. इसके लिए कई मिशन चलाए गए. भारत में इसी तरह के विश्वविद्यालयों से आए छात्र आगे जाकर जो वैज्ञानिक बने उनकी कड़ी मेहनत से चंद्रयान मिशन संभव हुआ. हम भारतीयों ने चांद पर पानी की खोज की. आज पूरा विश्व भारतीय अंतरिक्ष मिशन का सम्मान करता है. आज पूरी दुनिया चांद की तरफ खोज के लिए देख रही है. चंद्रमा पृथ्वी के बहुत करीबी ग्रह है और भविष्य में यहां मानव निवास का निर्माण होने की संभावनाए है. इसरो सूर्य पर जाने के लिए एक मिशन तैयार कर रहा है. पूरा देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास पर निर्भर है. संचार के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है. ड्रोन द्वारा कृषि के विकास के लिए काम कर रहे हैं. स्टेटलाइट सभी क्षेत्रों में आधार सूचना के आधार पर आगे बढ़ रहा है.
रमन्ना रामनाथ ने कहा कि विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय से पढ़ना सभी छात्रों का सपना होता है. एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय विश्व स्तर की शिक्षा के साथ समग्र विकास के लिए प्रयासरत है. इस विश्वविद्यालय से अनुसंधान और उद्यमिता निर्माण कार्य किया जाता है. डॉ. अब्दुल कलाम जैसा शोध यहां के छात्रों द्वारा होना चाहिए. हालांकि आज के दौर में कई मुश्किलें हैं, लेकिन मौके भी बहुत हैं. छात्रों को व्यक्तित्व विकास के लिए प्रयास करने के अवसर का लाभ उठाना चाहिए.
प्रा. डॉ. मंगेश कराड ने कहा, नए जमाने के विश्वविद्यालय में आपका स्वागत है. अगले चार वर्षों में छात्रों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ देश की सेवा के लिए नेतृत्वकर्ता व्यक्तित्व का निर्माण करना हमारा उद्देश होगा. हम उद्यमी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. असफलता को सफलता की पहली सीढ़ी मानकर अपना काम जारी रखें, आपको सफलता से कोई वंचित नहीं कर सकता.
डॉ. संजय उपाध्याय ने कहा, एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी शिक्षा का स्वर्ग है. बदलाव के दौर में करियर के लिए कान खुले रखें. इस परिसर में भारतीय संस्कृति का समग्र दृष्टिकोण दर्शन होता है.