महाराष्ट्र को टाटा-एयरबस परियोजना!यह ठाकरे सरकार की कोल्डंडा प्रवृत्ति का पाप है!- विधायक सिद्धार्थ शिरोले की आलोचना
बीजेपी विधायक सिद्धार्थ शिरोले ने कहा कि लगभग एक साल पहले गुजरात में गई एयरबस परियोजना की आलोचना करना महाराष्ट्र के लोगों के खिलाफ महा विकास अघाड़ी सरकार द्वारा किए गए पाप को छिपाने का एक तरीका है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र के औद्योगिक क्षेत्र को दरकिनार कर कांगवा को उलटना शुरू कर दिया है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया और आत्मानिर्भर भारत अभियान की अवधारणा के तहत पूर्ण घरेलू विमान निर्माण की इस परियोजना के लिए 8 मई, 2021 एयरबस और स्पेस एसए स्पेन के बीच समझौते को कैबिनेट सुरक्षा समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था और तुरंत 24 सितंबर 2021 को रक्षा मंत्रालय के साथ हस्ताक्षर किए गए थे। रतन टाटा ने भी उसी दिन घोषणा की थी कि रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है, जिसे एयरबस और टाटा के बीच समझौते के अनुसार संयुक्त रूप से बनाया जा रहा है। इसके बावजूद तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार की ओर से न तो कोई पत्र भेजा गया और न ही इस परियोजना को महाराष्ट्र में लाने के लिए कोई अनुवर्ती कार्रवाई गई। इस तथ्य से अवगत होकर महाविकास अघाड़ी के नेताओं को मात्र भ्रामक राजनीति नहीं करनी चाहिए। श्री सिद्धार्थ शिरोले ने चुनौती दी है कि यदि वह मुद्दों पर बात करना चाहते हैं, तो उन्हें टाटा एयरबस को लिखे गए एक पत्र को प्रकाशित करना चाहिए। ठाकरे सरकार ने वेदांत-फॉक्सकॉन परियोजना के मामले में भी ऐसी ही गैर जिम्मेदारी दिखाई है। श्री सिद्धार्थ शिरोले ने यह भी संदेह व्यक्त किया कि इस परियोजना से भी बातचीत के माध्यम से वसूली का कोई छिपा हुआ इरादा नहीं था।