गांवों के विकास में सरपंच सक्रिय विचारों से नेतृत्व करें
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती पवार का दावा
एमआईटी राष्ट्रीय सरपंच संसद महाराष्ट्र राज्य पदाधिकारी अधिवेशन और नियुक्ति पत्र तथा पहचान पत्र वितरण समारोह संपन्न हुआ
पुणे: राष्ट्रीय विकास की प्रक्रिया में ग्राम विकास का अत्याधिक महत्व है. पंचायत से संसद तक के सफर में सरपंच का अहम रोल होता है. सरपंच सिर्फ एक उपाधि नहीं है, सरपंच यह साधारण व्यक्ती का विश्वास और सम्मान होता हैं. सरपंचों को गांव के विकास में सक्रिय सोच के साथ काम करना जारी रखना है. ऐसे विचार केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा.
वह एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट द्वारा आयोजित एमआईटी राष्ट्रीय सरपंच संसद महाराष्ट्र राज्य अधिकारी सम्मेलन, नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र वितरण समारोह में बतौर उद्घाटन और मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थी.
मंच पर एमआईटी शैक्षणिक संस्थान समूह के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, राष्ट्रीय सरपंच संसद के मुख्य समन्वयक योगेश पाटिल,अभिनव फार्मर्स क्लब के संस्थापक ज्ञानेश्वर बोडके, सरपंच संसद के सहसमन्वयक प्रकाश महाले सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. इस अवसर पर डॉ. भारती पवार और राहुल कराड ने राज्य के विभिन्न जिलों के संयोजकों को नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र भेंट कर सम्मानित किया.
भारती पवार ने कहा, गांव के विकास में सरपंच की भूमिका अहम है. सरपंच जब गांव का नेतृत्व कर रहे हैं, तो केंद्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं को प्रभावी ढंग से समझना और ग्रामीणों तक पहुंचाना आवश्यक है. सरपंच केवल एक पद नहीं है, बल्कि इसके पीछे सक्रिय नेतृत्व की अपेक्षा है. तभी गांव का विकास होगा.
गाँव प्रगति के पथ पर आगे बढने लगे कि राष्ट्रीय विकास की अवधारणा साकार होने वाली है. गांव से लेकर केंद्र तक सभी तत्व एक साथ आए एक लक्ष्य के साथ. हमने कोरोना संकट में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है कि किस तरह की कीमिया हो सकती है. इसी प्रकार यदि सरपंच समन्वय और संयुक्त कार्रवाई के विचार को गांव से गांव तक पहुचाएंगे तो अपेक्षित राष्ट्रीय विकास होगा.
गांव की विकास प्रक्रिया में महिलाओं का योगदान अद्वितीय है और स्वास्थ्य तथा शिक्षा के कारकों पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए. इसके लिए सरपंच जागरूकता का कार्य करें. अन्य प्रशासनिक निकाय उनका मार्गदर्शन करने के लिए तैयार है. विकास और प्रगति की राह पर चलना और हर सामाजिक समूह तक पहुंचना हमारे लिए जरूरी है.
राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, अगर देश की विकास प्रक्रिया को तेज करना है तो एमआईटी जैसे शैक्षणिक संस्थानों, जो सामाजिक रूप से प्रतिबध्द हैं, न पहल करना है और इस तरह के प्रयासों का नेतृत्व करना आवश्यक समझा. एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट , इंडियन स्टूडेंट पार्लियामेंट, नेशनल सरपंच पार्लियामेंट, नेशनल एजुकेशन काउंसिल इसका हिस्सा हैं. हमारा प्रयास है कि शिक्षा को अलग थलग न करके समाज के हर तत्व, उसकी समस्याओं और प्रगति से जोड़ा जाए. यहां की शिक्षा का उद्देश्य समाज के प्रति संवेदनशील और सक्रिय नागरिक बनाना है.
राष्ट्रीय सरपंच संसद के मुख्य समन्वयक योगेश पाटिल ने परिचय में कार्यक्रम के आयोजन के पीछे की भूमिका के बारे में बताया.
सूत्रसंचालन प्रसाद सानप ने किया. प्रो. नीलम पंडित ने आभार माना.