सीतामढ़ी

जिले में ट्रांसजेंडर लोगों का पहचान पत्र बनाने हेतु चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान

जिले में ट्रांसजेंडर लोगों का पहचान पत्र बनाने हेतु चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान

जागरूकता अभियान का लक्ष्य:- *ट्रांसजेंडरों को प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कराना तथा उन्हें समाज के मुख्यधारा से जोड़ना है*–सहायक निदेशक,बाल संरक्षण इकाई सीतामढ़ी

ट्रांसजेंडर समुदाय हमारे समाज का अभिन्न अंग है। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भेदभाव, परिवारों से बहिष्कार ,सम्मानजनक आजीविका का अभाव, स्वास्थ्य ,आश्रय, कल्याण और रोजगार तक अपर्याप्त पहुंच जैसे कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है। इन मुद्दों को हल करने के लिए भारत सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम -2019 और ट्रांसजेंडर व्यक्ति( अधिकारों का संरक्षण) नियम -2020 जारी किया गया है जो पहचान के प्रावधान, अधिकारों की सुरक्षा जैसे मुद्दों को संबोधित करते हैं। इस सम्बन्ध में राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है साथ ही जिले में निराश्रित किन्नरों की आवासन सुविधा को ध्यान में रखते हुए *गरिमा गृह* पटना में संचालित है। इस गृह में रहने से लेकर उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध है। उक्त जानकारी जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रभारी पदाधिकारी ने दी। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा ट्रांसजेंडर का *ट्रांसजेंडर सर्टिफिकेट* तथा पहचान पत्र बनवाने हेतु निर्देशित किया गया है जिसके आलोक में जिला बाल संरक्षण इकाई सीतामढ़ी के द्वारा जिले में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य ट्रांसजेंडर का प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कराना तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन राजकीय रेल पुलिस रेलवे सुरक्षा बल तथा अन्य प्रमुख जगहों पर बैठक कर लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगो द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से https://transgender.dosje.gov.in/applicant/Registration/index पर अपना पहचान पत्र एवं प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकते हैं। किसी अन्य सुविधा या योजनाओं का लाभ लेने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई ,डुमरा सीतामढ़ी में भी आवेदन दिया जा सकता है। किन्नर समुदाय के लोगों को सम्मान पूर्वक जीवन जीने का अधिकार है। इनके कल्याण के लिए सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई की अध्यक्षता में किन्नर कल्याण बोर्ड गठित है जिसके माध्यम से विभिन्न संस्थाओं यथा;- शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार ,आवास इत्यादि से संबंधित योजनाओं का लाभ पा सकते हैं।

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