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सेवा में करुणा से ज्यादा जरूरी है संवेदना – भैयाजी जोशी

सेवा में करुणा से ज्यादा जरूरी है संवेदना – भैयाजी जोशी

पुणे  :करुणा और भाव में सूक्ष्म अंतर है।  करुणा का एक ‘मैं’ पहलू है।  लेकिन मुझे जो मिला है वो समाज को देना चाहता हूं।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि मैं समाज में जो कठिनाइयाँ, संकट और कष्ट देखता हूँ, उन्हें दूर करने का ईमानदार प्रयास करना चाहता हूँ।  धर्मार्थ संस्था सेवावर्धनी के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर पं.  दीनदयाल उपाध्याय के स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में पुणे में ‘सेवा तरंग’ नामक दो दिवसीय राज्य स्तरीय एनजीओ सम्मेलन का आयोजन किया गया है।  जोशी आज सम्मेलन के उद्घाटन के समय बोल रहे थे।

सेवावर्धनी, मुकुल माधव फाउंडेशन, परसिस्टेंट फाउंडेशन और प्राज फाउंडेशन द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन ‘सेवा तरंग’ का समापन आज और कल महात्मा फुले सांस्कृतिक भवन, वनवाड़ी में हो रहा है.  इस सम्मेलन का आयोजन राज्य भर के धर्मार्थ संगठनों के साथ बातचीत करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है।  इस अवसर पर प्रमोद चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष किशोर देसाई, कार्यकारी सोमदत्त पटवर्धन, विधायक सुनील कांबले, परिषद के स्वागत अध्यक्ष सुधीर मेहता, मुकुल माधव फाउंडेशन के सौरभ धानोरकर, परसिस्टेंट फाउंडेशन की योगिता आप्टे और प्राज फाउंडेशन के मंदार पोफले उपस्थित थे.

इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सेवावर्धनी संस्था के पिछले 25 वर्षों के कार्यों की समीक्षा वाली एक विशेष स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

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