पूणे

भारत 2047 तक महाशक्ति के रूप में उभरेगा

भारत 2047 तक महाशक्ति के रूप में उभरेगा

मेजर जनरल योगेश चौधरी का बयान; 5वें पर्सेाना टेक्नो कल्चरल फेस्टिवल का उद्घाटन

पुणे :- हम सभी में भारत को एक मजबूत देश बनाने की क्षमता है. यद्यपि आज हम विकासशील देश हैं, शीघ्र ही विश्व में विकसित देश के रूप में जाने जायेंगे. मौजूदा हालात में दुनिया में भारत की छवि एक महाशक्ति के रूप में बन रही है और देश की आजादी के सौ साल में यानी 2047 तक भारत महाशक्ति के रूप में उभरेगा. तब दुनिया का हर देश भारत को एक महाशक्ति के रूप में देखेगा, ऐसा मत साउथ कमांड एडमिनिस्ट्रेटिव मेजर जनरल योगेश चौधरी ने व्यक्त किया.

वे एमआईटी आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी राजबाग, लोनी कालभोर द्वारा 15 से 18 फरवरी तक आयोजित पांचवें “पर्सोना टेक्नो फेस्ट 2023″ के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. इस मौके पर प्रसिद्ध निर्देशक व लेखक पद्मश्री मधुर भंडारकर, मशहूर कलाकार आरोह वेलांकर, कॉसमॉस ग्लोबल की पूजा शुक्ला, एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ। दा. कराड, एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष एंव कुलपति प्रो. डॉ. मंगेश कराड, निदेशक, एमआईटी मिटकॉम प्रो. डॉ. सुनीता मंगेश कराड, प्र-कुलपति डॉ. अनंत चक्रदेव, एमआईटी संगीत कला अकादमी के आदिनाथ मंगेशकर, पर्सोना आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. रजनीश कौर बेदी, डॉ. वीरेंद्र शेटे, डॉ. नचिकेत ठाकुर आदि उपस्थित थे.

 

 

इस अवसर पर मेजर जनरल योगेश चौधरी और पद्मश्री मधुर भंडारकर को पर्सोना ऑफ द इअर अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया. इस दौरान स्वागत समारोह में एमआईटी विश्वशांति संगीत कला अकादमी, ललित कला और अन्य संकायों के छात्रों ने नृत्य प्रस्तुत किया.

मेजर जनरल योगेश चौधरी ने कहा, छात्रों को देश के विकास के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए. युवा देश का भविष्य हैं, इसलिए एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी में उनके सपनों को पंख देने का माहौल है. परिणामस्वरूप, देश की महत्वाकांक्षा और आत्म-पूर्ति को बढ़ावा मिलेगा. वर्तमान में हम अपनी विकासशील देशों की सूची से विकसित देशों की श्रेणी में बैठने जा रहे हैं. विश्व स्तर पर भारत की पहचान एक शक्तिशाली देश के रूप में हुई है. युवाओं को सपने देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. गुरु के बिना सफलता नहीं मिलती. सोशल मीडिया के इस दौर में युवाओं को अपनी क्षमता का एहसास करना चाहिए और अपने सपनों को मजबूत करना चाहिए. युवाओं को खेलों का आदी होना चाहिए. भारतीय सैन्य बल आज दुनिया में सबसे मजबूत है. हम दुनिया में शांति को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं. भारतीय सेना हमेशा भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए सबसे आगे रही है.

पद्मश्री मधुर भंडारकर ने कहा, छात्र कड़ी मेहनत और गहन अध्ययन से जो कुछ भी करते हैं उसमें सफल होते हैं. अपने पाठ्यक्रम का अध्ययन करने के अलावा अधिक पढ़ना और लिखना करें. अपने पर विश्वास रखो. उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए.

प्रो डॉ. विश्वनाथ कराड ने कहा, भारतीय संस्कृति, दर्शन और परंपरा को मत भूलिए. पर्सोना का अर्थ है अपने व्यक्तित्व को दुनिया के सामने पेश करना. विश्व में शांति का संदेश फैलाना सभी का दायित्व है. देश को विश्वगुरु बनाने के लिए हम सभी को मेहनत करनी चाहिए. इस विश्वविद्यालय के माध्यम से युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रकट करने के लिए एक मंच प्रदान किया जाता है. मातृदेव, पितृदेव, आचार्यदेव भव भारतीय संस्कृति है.

प्र- कुलपति डॉ. अनंत चक्रदेव ने प्रस्तावना रखी, वही प्रो डॉ. अशोक घुगे, स्वप्निल सिरसाट और प्रो. स्नेहा वाघ्टकर ने संचालन किया. डॉ. वीरेंद्र शेटे ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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