यूपी में बड़े पैमाने पर बनेंगे ईवी चार्जिंग स्टेशन
-नगर विकास विभाग ने ईवी नीति के तहत ईवी चार्जिंग सुविधाओं के विकास के लिए कसी कमर
सेवा प्रदाताओं को तय प्रावधानों के अनुसार भूमि और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दिए निर्देश
–इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान को स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत 17 नगर निगमों में विस्तारित किए जाने की बनी कार्ययोजना
लखनऊ से धर्मेन्द्र कुमार वर्मा प्रतिनिधि
लखनऊ: उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स के क्षेत्र में लीडर बनाने के लिए योगी सरकार ने ईवी नीति के तहत कार्यवाही शुरू कर दी है। सरकार का उद्देश्य सिर्फ ईवी मैन्युफैक्चरिंग को ही बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि ईवी का इस्तेमाल कर रहे नागरिकों को समुचित चार्जिंग की सुविधा मिल सके, इस दिशा में भी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। इसी क्रम में योगी सरकार ने ईवी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना को लेकर नीति के प्रावधानों के अनुसार नगर विकास विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। नगर विकास विभाग ने प्रदेश में चार्जिंग सुविधाओं के लिए सेवा प्रदाताओं की भूमि अवश्यक्ताओं की पूर्ति के साथ ही इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान (सीईएमपी) को स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत 17 नगर निगम वाले शहरों में भी जल्द से जल्द विस्तारित किए जाने की कार्यवाही शुरू कर दी है। वहीं चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के फास्ट ट्रैक डेवलपमेंट के लिए नगर विकास विभाग के नेतृत्व में कार्यकारी समूह का भी गठन कर लिया गया है।
*स्वीकृत चार्जिंग स्टेशंस को मिलेगी सुविधा*
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ईवी नीति के अधीन नोडल संस्था इन्वेस्ट यूपी द्वारा स्वीकृत चार्जिंग स्टेशनों के लिए नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। ईवी नीति के अनुसार चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए सरकारी संस्थाओं को भूमि 10 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे या लीज पर उपलब्ध कराई जाएगी। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए विद्युत मंत्रालय के मानकों के अनुसार निर्धारित रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल इसका आधार होगा। पट्टा अवधि, रेवेन्यू शेयरिंग रेट एवं अन्य निर्धारित मानकों को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा। इसी तरह चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने क लिए निजी संस्थाओं को भूमि समान रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल के माध्यम से 10 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर प्रदान की जाएगी। ऐसी संस्थाओं का चयन सेवा शुल्क को बिडिंग पैरामीटर रखते हुए निविदा आमंत्रित करते हुए न्यूनतम सेवा शुल्क के आधार पर किया जाएगा,जिससे उपभोक्ताओं को न्यूनतम चार्जिंग शुल्क देना होगा। ऐसी निजी संस्थाओं को विद्युत मंत्रालय व आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा समय-समय पर अधिसूचित अन्य दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा।
*स्मार्ट सिटी मिशन से भी जुड़ेगी परियोजना*
राज्य सरकार लखनऊ के लिए व्यापक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान (सीईएमपी) तैयार करने में नीति आयोग एवं एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ समन्वय कर रही है। इस योजना को स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत चयनित समस्त 17 नगर निगम वाले शहरों में जल्द से जल्द विस्तारित किया जाएगा, जिसे भविष्य के चरणों में अन्य नगरों में भी विस्तारित किया जाएगा। इसमें परिवहन प्रणाली में परिवर्तन करते हुए चार्जिंग सुविधाओं के विकास के लिए रणनीतिक मार्गों को चिन्हित किया जाएगा। वहीं, इस प्लान के माध्यम से नगरीय स्थानीय निकाय व अन्य सरकारी संस्थाओं को चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए स्थानों एवं भूमि पार्सलों को नियोजित रूप से चिन्हित करने में सरलता होगी। सीईएमपी के अंतर्गत एक पोर्टल भी विकसित किया जाएगा, जिसमें समस्त नगरों में ईवी एडॉप्शन के सभी पहलुओं जैसे चार्जिंग स्टेशनों के स्थल, हरित मार्ग इत्यादि के संबंध में सूचना उपलब्ध होगी। भविष्य में पीएम गति शक्ति योजना से इसका एकीकरण किया जा सकेगा।
*कार्यकारी समूह करेगा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का फास्ट ट्रैक विकास*
यूपी इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग एवं मोबिलिटी पॉलिसी के मानकों के अनुरूप नगर विकास विभाग ने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के फास्ट ट्रैक विकास के लिए कार्यकारी समूह की स्थापना कर दी है। यह कार्यकारी समूह मॉडल उप नियमों के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा तथा राज्य में चार्जिंग/स्वैपिंग सुविधाओं के विकास के साथ-साथ रणनीति को विनियमित करेगा। इसमें नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अध्यक्ष होंगे, जबकि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव, परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव, औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव, स्थानीय निकाय निदेशालय के निदेशक, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और नगर निगम लखनऊ के नगर आयुक्त सदस्य के रूप में शामिल होंगे। निदेशक नगरीय परिवहन निदेशालय इसके सदस्य सचिव होंगे।