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प्रसिद्ध अभिनेत्री, भारतीय कथक नृत्यांगना प्राची शाह पंड्या के हाथों  सूर्यदत्त नेशनल स्कूल में सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स का उद्घाटन

प्रसिद्ध अभिनेत्री, भारतीय कथक नृत्यांगना प्राची शाह पंड्या के हाथों 
सूर्यदत्त नेशनल स्कूल में सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स का उद्घाटन
सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स में छात्रों को संगीत, नृत्य, गायन और अन्य कलाओं को सीखने का मिलेगा मौका
 
पुणे : प्रसिद्ध अभिनेत्री और भारतीय कथक नृत्यांगना प्राची शाह पांड्या के हाथों सूर्यदत्त नेशनल स्कूल में सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन की उपाध्यक्ष सुषमा चोरडीया, सहायक उपाध्यक्ष स्नेहल नवलखा, सूर्यदत्त नेशनल स्कूल की निदेशक शीला ओक आदि मौजूद थी। इस मौके पर पंड्या ने उपस्थितों को कथक के कुछ टिप्स दिए और उनसे नृत्य करवाया।
 
प्राची शाह पांड्या को हाल ही में ‘सूर्यदत स्त्री शक्ति राष्ट्रीय पुरस्कार 2023’ प्राप्त हुआ है, पंड्या ने ‘कोशिश-एक आशा’, ‘कुंडली’, ‘कहीं दिया जले कहीं जिया…’, ‘पिया का घर’, ‘भाभी’, ‘रंगोली’, ‘ये प्यार ना होगा कम’, ‘इस प्यार को क्या नाम दूं- फिर एक बार’ जैसे कई टीवी सीरियल में काम किया है। प्राची ने बड़े पर्दे पर तमिल फिल्म ‘हे राम’ से डेब्यू किया है। उन्होंने ‘इसी लाइफ में’, ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’, ‘राजा नटवरलाल’, ‘एबीसीडी 2’, ‘जुड़वा 2’, ‘लक्ष्मी’ और हाल ही में रिलीज हुई ‘हम दो हमारे दो’ जैसी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने मराठी फिल्म ‘इचार ठरला पक्का’ में भी काम किया है।
प्राची को कथक के साथ-साथ तानपुरा बजाने में भी विशेष रुचि है। सुषमा चोरडिया ने कहा यह एक महत्वपूर्ण बात है की छात्रों के समग्र विकास के लिए नृत्य, गायन, संगीत में रुचि बनाए रखने और कला के क्षेत्र में छात्रों विकास के लिए पंड्या के हाथों इस केंद्र का उद्घाटन किया जा रहा है. सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडीया ने प्राची शाह पांड्या का स्वागत किया और उन्हें संस्थान के शैक्षिक और सामाजिक कार्यों से अवगत कराया।
प्राची शाह पांड्या ने कहा, “सूर्यदत परिसर हरा-भरा, बहुत सुंदर और स्वच्छ है। परिसर में प्रवेश करते ही मन प्रसन्न हो जाता है। मेरे हाथों इस सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स का उद्घाटन हुआ इसकी मुझे बहुत खुशी हैं। अधिक से अधिक छात्रों को इससे लाभ होगा। समर्पण, कड़ी मेहनत और खुद को कला के लिए समर्पित करने पर निश्चित रूप से सफलता का एक अलग स्तर प्राप्त होता है। कला के क्षेत्र में सफलता से ज्यादा यात्रा अधिक महत्वपूर्ण है। यह यात्रा हमें व्यक्ति के रूप में समृद्ध करती है। “

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