इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन द्वारा फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत कोकाटे द्वारा प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया का सम्मान
अच्छे अनुसंधान के लिए उद्योग और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग जरूरी
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत कोकाटे की राय; ‘आईपीए’ द्वारा प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया का सम्मान
वैश्विक स्तर पर सार्वभौमिक शिक्षा प्रदान करने की जरूरत
प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया की राय; इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन द्वारा डॉ. चंद्रकांत कोकाटे के हाथो सम्मानित
पुणे : सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया को इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (IPA) पुणे शाखा द्वारा फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत कोकाटे के हाथो प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया को सम्मानित किया गया। ‘आईपीए’ द्वारा राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह का पुरस्कार वितरण समारोह हाल ही में ‘सूर्यदत्त’ के बावधन परिसर में आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम में जेएसपीएम यूनिवर्सिटी के फार्मास्युटिकल साइंस के निदेशक डॉ. एम. डी. बुरांडे, एवरेस्ट फार्मा के संस्थापक निदेशक गोपाल वर्मा, ‘आईपीए’ के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर बांबडे, सचिव डॉ. एल सत्यनारायणन, एमसीई सोसायटी के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के प्राचार्य विजय जगताप, ‘सूर्यदत्त’ के निदेशक प्रशांत पितलिया आदि मौजूद थे। इस वक्त सूर्यदत्त कॉलेज हेल्थ सायन्सेस द्वारा डॉ. चंद्रकांत कोकाटे को ‘सूर्यभूषण’, जबकि डॉ. बुरांडे और गोपाल वर्मा को ‘सूर्यदत्त फार्मा एक्सीलेंस अवार्ड 2023’ से सम्मानित किया गया। उन्हें ‘आईपीए’ की ओर से भी सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह की विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्रों और टीमों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। डिप्लोमा श्रेणी में समग्र खिताब महाराष्ट्र कॉस्मोपॉलिटन एजुकेशन सोसाइटी के फार्मेसी संस्थान ने जीता। जयवंत इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी ताथवड़े और अभिनव एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, नरहे ने संयुक्त रूप से दूसरा पुरस्कार जीता। डिग्री वर्ग में एआईएसएसएमएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी पहले, सिंहगढ़ कॉलेज ऑफ फार्मेसी नरहे दूसरे स्थान पर रहे। भारती विद्यापीठ पूना कॉलेज ऑफ फार्मेसी ने स्नातकोत्तर श्रेणी में जीत हासिल की, जबकि AISSMS कॉलेज ऑफ फार्मेसी ने उपविजेता का स्थान हासिल किया।
डॉ. चंद्रकांत कोकाटे ने कहा, “नई शिक्षा नीति के साथ, नवीन अनुसंधान, नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उद्योग और शिक्षा को जोड़ना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। उद्योग के विशेषज्ञों को छात्रों को बनाने, उनके साथ अनुभव साझा करने, पाठ्यक्रम के अनुसार बदलाव करने की पहल करनी चाहिए।”
प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा, “छात्रों को अपनी पूरी क्षमता से ज्ञान अर्जित करना चाहिए। फार्मा सेवा क्षेत्र पूरे समाज के लिए है और छात्रों को इस संबंध में खुद को तैयार करना चाहिए। मानव स्वास्थ्य विभिन्न कारणों से प्रभावित हो रहा है, इसके समाधान के लिए सक्षम छात्रों का निर्माण करना आवश्यक है। भारत के युवाओं को विश्व स्तरीय सामाजिक और समग्र शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए।”
डॉ. एम. डी. बुरांडे ने फार्मा सेक्टर में अपने अनुभव साझा किए। गोपाल वर्मा ने मनोगत व्यक्त किया। डॉ. बबीता अग्रवाल और प्रियंका कंडारे ने किया सूत्रसंचालन किया.