रीवा

सीखो कमाओ योजना के तहत जिले के पाँच हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर सुनिश्चित कराएं – कलेक्टर

सीखो कमाओ योजना के तहत जिले के पाँच हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर सुनिश्चित कराएं – कलेक्टर

रीवा एमपी: कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में संचालित छोटे-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के उद्देश्य से पाँच हजार से अधिक की पद की रिक्तता की सूची पोर्टल में ट्रेडवार व अन्य आवश्यकतानुसार अपलोड कराएं। उन्होंने कहा कि जिले में पर्याप्त संख्या में प्रिशिक्षित तथा तथा कुशल युवा हैं। जानकारी अपलोड करने के लिए विभाग नोडल अधिकारी नियुक्त कर ऑनलाइन करें ताकि पात्र युवा अपनी योग्यता व रूचि के अनुसार रोजगार के अवसरों के लिए 15 जून से आवेदन कर सकें। व्यावसायिक संस्थानों में रोजगार के अन्य अवसरों की भी पूरी जानकारी प्रस्तुत करें।

बैठक में कलेक्टर ने विभागवार व संस्थानवार दिए जाने वाले रोजगार की रिक्तियों की जानकारी ली तथा विभागों को लक्ष्य निर्धारित कर निर्देश दिए कि 7 जून तक पूरी सूची अपडेट हो जाए ताकि शासन की मंशानुसार युवाओं में कौशल विकास क्षमता को बढ़ाकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जा सके। उन्होंने निर्माण विभाग अन्तर्गत कन्सलटेंसी से रिक्तियों की संख्या लेकर पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने तकनीकी शिक्षा विभाग को योजना के अधिक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए ताकि जिले के युवा रोजगार के अवसर प्राप्त करने में प्रदेश में अग्रणी रहें।
बैठक में कलेक्टर ने बताया कि प्रदेश के एक लाख युवाओं को योजना के 46 सेक्टर में 800 से अधिक पाठ्यक्रमों में दक्ष करने का प्रारंभिक लक्ष्य रखा गया है। योजना में मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी 18 से 29 वर्ष के 12वीं या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण युवा को 8 हजार रूपये, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपये, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपये और स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को 10 हजार रूपये प्रतिमाह स्टाईपेंड दिया जायेगा। राज्य शासन की ओर से निर्धारित स्टाईपेंड की 75 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों को डीबीटी से भुगतान की जायेगी। संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम स्टाईपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में जमा करानी होगी। प्रतिष्ठान अपनी ओर से निर्धारित राशि से अधिक स्टाईपेंड देने के लिये स्वतंत्र होंगे। स्टाईपेंड एक वर्ष तक दिया जायेगा।
योजना में युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिये चिन्हित कार्य-क्षेत्र में विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रायबल, अस्पताल, रेलवे, आईटी सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा एवं प्रशिक्षण सहित 800 से अधिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भागीदारी करेंगे।
योजना की प्रक्रिया एवं क्रियान्वयन – योजना के पोर्टल पर 7 जून से प्रतिष्ठानों का पंजीयन एवं कोर्स का चयन कर वैकेंसी प्रकाशित करना प्रांरभ हो गया है। युवाओं का योजना के पोर्टल पर पंजीयन 15 जून से प्रांरभ होगा। पोर्टल पर कोर्स चयन कर वैकेंसी के विरूद्ध आवेदन करना 15 जुलाई से प्रारंभ होगा। साथ ही प्रतिष्ठानों द्वारा युवाओं का चयन कर ऑफर दिया जायेगा। युवा-प्रतिष्ठान-मध्यप्रदेश शासन के मध्य 31 जुलाई से अनुबंध प्रारंभ होंगे। ऑन द जॉब प्रशिक्षण (ओजेटी) एक अगस्त से प्रारंभ होगा। मूल्यांकन और प्रमाणीकरण के साथ योजना में मासिक वित्तीय सहायता एक सितम्बर से दी जाना प्रारंभ होगी। योजना में चिन्हित प्रतिष्ठानों का पेन एवं जीएसटी पंजीयन अनिवार्य होगा। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्य-बल के 15 प्रतिशत की संख्या तक प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकेंगे। जिन प्रतिष्ठानों में कम से कम 20 लोग नियमित रूप से कार्यरत हों, उनके कुल कार्य-बल की गणना ईपीएफ जमा करने के आधार पर की जायेगी। बैठक में सीईओ जिला पंचायत सौरभ सोनवणे सहित विभागीय अधिकारी व योजना के लिए नियुक्त विभागीय नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।

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