पूणे

एमएसडीई ने एएसडीसी द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में संकल्प कार्यक्रम के तहत क्लस्टर आधारित टीओटी परियोजना में प्रशिक्षित 98 ट्रेनर्स को प्रमाणित किया

एमएसडीई ने एएसडीसी द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में संकल्प कार्यक्रम के तहत क्लस्टर आधारित टीओटी परियोजना में प्रशिक्षित 98 ट्रेनर्स को प्रमाणित किया

 

  • कार्यक्रम को संकल्प के राष्ट्रीय घटक के हिस्से के रूप में विकसित किया गया था
  • क्लस्टर आधारित टीओटी परियोजना के तहत आठ बैचों में कुल 189 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया था
  • प्रमाणित 98 प्रशिक्षक परियोजना के अंतिम बैचों का हिस्सा थे

पुणे ,  कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने ऑटोमोटिव सेक्टर डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी), जीआईजेड-आईजीवीईटी और महाराष्ट्र स्टेट स्किल डेवलपमेंट (एमएसएसडीएस) के सहयोग से शुरू की गई क्लस्टर-आधारित ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) परियोजना के माध्यम से अत्यधिक कुशल प्रशिक्षकों का एक पूल बनाने की अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। पुणे में एएसडीसी द्वारा आयोजित एक दीक्षांत समारोह के माध्यम से 98 प्रशिक्षकों वाले अंतिम 4 बैचों को प्रमाणित किया गया। स्किल एक्विजिशन एंड नॉलेज अवेयरनेस फॉर लाइवलीहुड प्रमोशन (संकल्प) के राष्ट्रीय घटक के हिस्से के रूप में विकसित, प्रशिक्षकों को ऑटोमोटिव सेक्टर डेवलपमेंट काउंसिल और आईजीसीसी (जर्मन प्रमाणन एजेंसी) द्वारा मूल्यांकन के बाद दोहरा प्रमाणन प्राप्त हुआ। टीओटी कार्यक्रम में एडवांस्ड वेल्डिंग, सीएनसी ऑपरेशंस, रोबोटिक्स, क्वालिटी कंट्रोल और एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी जैसे ट्रेड शामिल हैं। परियोजना में शामिल प्रमुख हितधारकों में एमएसडीई, ऑटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी), जीआईजेड-आईजीवीईटी और महाराष्ट्र स्टेट स्किल डेवलपमेंट मिशन (एमएसएसडीएस) शामिल हैं।

सर्टिफिकेशन समारोह में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी और वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, श्री नीलांबुज शरण, ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल के सीईओ श्री अरिंदम लाहिड़ी सहित सम्मानित व्यक्तियों के साथ, आईजीवीईटी के प्रोजेक्ट हेड डॉ. रोडनी रेविएर, सुश्री मीनू सरावगी, ईवीपी और प्रमुख – रणनीति और संचालन एएसडीसी, श्री रमा शंकर पांडे, सीईओ, टाटा ग्रीन बैटरीज और एएसडीसी जीसी सदस्य, श्री. सुरेश लोंधे, उद्योग के संयुक्त निदेशक, महाराष्ट्र सरकार के उद्योग विभाग के श्री. सचिन जाधव, अतिरिक्त आयुक्त, महाराष्ट्र राज्य कौशल विकास सोसायटी और श्री सागर डी. शिंदे, सुखकर्ता जनरल इंजीनियरिंग क्लस्टर प्राइवेट लिमिटेड (एसजीईसीपीएल) के निदेशक की उपस्थिति देखी गई।

पुणे में सुखाकर्ता जनरल इंजीनियरिंग क्लस्टर प्राइवेट लिमिटेड (SGECPL) के सहयोग से आयोजित, टीओटी प्रोग्राम ने आठ बैचों में कुल 189 प्रशिक्षकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया, जिसमें एक महीने का क्लासरूम प्रशिक्षण और उसके बाद एक महीने का ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण शामिल था। इस पहल ने टेक्निकल एंड वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (टीवीईटी) डोमेन में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत किया, उद्योग 4.0 आवश्यकताओं के अनुरूप ट्रेनर्स के तकनीकी और शैक्षणिक कौशल का उन्नयन किया। इसके अलावा, इसने करिकुलम डेवलपमेंट में उद्योग के सदस्यों को शामिल करके कौशल अंतर को प्रभावी ढंग से कम कर दिया।

इस अवसर पर एमएसडीई के एडिशनल सेक्रेटरी और वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार श्री नीलांबुज शरण ने कहा कि “ऑटोमोटिव सेक्टर में क्लस्टर आधारित टीओटी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के साथ-साथ उद्योग संरेखण के बीच तालमेल का एक अनूठा उदाहरण है। क्लस्टर-आधारित टीओटी प्रोजेक्ट ऑटोमोटिव क्षेत्र में प्रशिक्षकों के लिए कौशल प्रशिक्षण और अपस्किलिंग अवसर प्रदान करने में सहायक रही है। मैं विश्व बैंक से सहायता प्राप्त योजना, स्किल एक्विजिशन एंड नॉलेज अवेयरनेस फॉर लाइवलीहुड प्रमोशन (संकल्प) के माध्यम से की गई पहल के सुचारू और सफल समापन के लिए सुखकर्ता जनरल इंजीनियरिंग क्लस्टर प्राईवेट लिमिडेट में एएसडीसी और इकाइयों की सक्रिय भागीदारी की सराहना करना चाहता हूं। उद्योग के भीतर तेजी से प्रगति और परिवर्तन के साथ, निरंतर विकसित होती मांगों को पूरा करने के लिए कार्यबल तैयार करने हेतु प्रशिक्षकों का एक अत्यधिक सक्षम समूह विकसित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने उन प्रशिक्षुओं को भी बधाई दी जिन्हें इस अवसर पर प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।”

एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लाहिड़ी ने कंपटीटिव ऑटोमोटिव सेक्टर में अपस्किलिंग के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यह ध्यान देने योग्य है कि परियोजना रणनीतिक रूप से सबसे बड़े ऑटोमोटिव क्लस्टर्स में से एक के भीतर स्थित है, जिसमें पूरे भारत में ऑटो ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (ओईएम) का समर्थन करने वाले 3,000 से अधिक उद्योग शामिल हैं और ऑटो कंपोनेंट का निर्माण करते हैं। यह स्थान कौशल विकास और उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक फर्टाइल ग्राउंड प्रदान करता है। कार्यबल के कौशल को लगातार बढ़ाकर, हम क्षेत्र के भीतर नवाचार, दक्षता और उत्कृष्टता को बढ़ा सकते हैं।”

टीओटी मॉडल को शुरू में औरंगाबाद में पायलट किया गया था, जिसमें तीन जॉब रोल शामिल थे- एडवांस्ड वेल्डिंग, सीएनसी ऑपरेशंस और रोबोटिक्स में एक-एक बैच और कुल 75 ट्रेनर थे। वर्तमान में, यह परियोजना पुणे में लागू की जा रही है, जो पूरे भारत में ऑटो ओईएम का समर्थन करने वाले 3000 से अधिक उद्योगों के साथ एक ऑटोमोटिव क्लस्टर है। ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल ऑटोमोटिव स्किल्स को लगातार विकसित करने और अपग्रेड करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उच्च मूल्यवर्धन किया जा सके और शैक्षणिक रास्तों के साथ स्किल्स को एकीकृत किया जा सके, जिससे उन्हें आकांक्षात्मक बनाया जा सके।

ज्ञान, कौशल और शैक्षणिक तकनीक प्रदान करने में प्रशिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, केंद्र ने स्किल इंडिया मिशन के एक अभिन्न अंग के रूप में ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में एक सक्षम और मजबूत कार्यबल का निर्माण करना है, जिससे कौशल विकास पहलों का प्रभाव कई गुना बढ़ जाए।

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