शिक्षा नीति लागू करने में संस्थान सहयोग करें
चंद्रकांत पाटिल; नई शिक्षा नीति लागू नहीं की तो संस्था, कॉलेज की मान्यता रद्द होगी
पुणे : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन में संस्था संचालकों और प्राचार्यों को पहल करनी चाहिए. हम नीति के कार्यान्वयन के लिए निजी संस्थानों को मार्गदर्शन और आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में सहयोग करेंगे, यह विश्वास उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने दिया. साथ ही अगले वर्ष से इस नीति को ‘लागू नहीं करने वाले संस्थानों और कॉलेजों को अपनी संबद्धता खोनी होगी, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने दी.
अखिल भारतीय तंत्र शिक्षण परिषद (एआईसीटीई) और पुणे विद्यार्थी गृह द्वारा आयोजित संस्था संचालकों और प्राचार्यों के लिए ‘एनईपी 2020’ पर चर्चा सत्र के उद्घाटन के अवसर पर चंद्रकांत पाटिल बोल रहे थे. चर्चासत्र की अवधारणा ‘उच्च शिक्षा के निजी संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में प्रबंधन की भूमिका’ थी.
मुक्तांगण इंग्लिश स्कूल के परिसर में पुणे विद्यार्थी गृह के सभागार में आयोजित इस सेमिनार में ‘एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर, मुंबई विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. रवीन्द्र कुलकर्णी, पुणे विद्यार्थी गृह के कार्याध्यक्ष कर रह सुनील रेडकर उपस्थित थे l पुणे विद्यार्थी अन्य गृह के कार्यवाह प्रो. डॉ. राजेंद्र कांबले उपकार्याध्यक्ष सुभाष जिर्गे, कोषाध्यक्ष आनंद कुलकर्णी, कुलसचिव अमोल जोशी, संचालक प्रा. राजेंद्र कडूस्कर, प्रा. राजेंद्र बोर्हाडे, संजय गुंजाल, कृष्णजी कुलकर्णी, रमेश कुलकर्णी, दिनेश मिसाल आदि उपस्थित थे l
चंद्रकांत पाटिल ने कहा, अगर मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है, तो विषयों और अवधारणाओं को समझा जा सकता है, छात्रों की जिज्ञासा और रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलेगा. अनुसंधान को बढ़ावा देकर बौद्धिक संपदा अधिकार अधिक हासिल किए जा सकते. हैं. तकनीकी और इंजीनियरिंग की किताबें जल्द ही मराठी में उपलब्ध कराई जाएंगी शिक्षा मंडल और विश्वविद्यालयों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए लचीला होना होगा l
डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर ने कहा, महाराष्ट्र शिक्षा नीति के मामले में प्रभावी ढंग से काम कर रहा है. पिछले तीन वर्षों में महाराष्ट्र ने अन्य राज्यों की तुलना में काफी प्रगति की है. ‘एनईपी’ नई पीढ़ी का आंदोलन है. युवा शक्ति भारत की सबसे बड़ी ताकत है. इसे क्रियाशीलता में बदलने की जरूरत है l
एआईसीटीई और पुणे विद्यार्थी गृह द्वारा आयोजित चर्चा सत्र का उद्घाटन उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने किया l इस समय डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर, डॉ. टीजी सीताराम, सुनील रेडेकर एवं डॉ. रवींद्र कुलकर्णी उपस्थित थे l
सुनील रेडेकर ने कार्यशाला के आयोजन की भूमिका स्पष्ट की. उन्होंने पुणे विद्यार्थी गृह के पिछले ११४ साल में किए गए कार्य के बारे में भी जानकारी दी. माधुरी महाजन ने सूत्रसंचालन किया.