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लाल मिट्टी की कुश्ती वारकरीयो में नया जोश पैदा करता

लाल मिट्टी की कुश्ती वारकरीयो में नया जोश पैदा करता
राज्य के पूर्व आदिवासी विकास मंत्री हभप बबनराव पाचपुते के विचार: श्री समर्थ विष्णुदास वारकरी कुस्ती महावीर स्पर्धा का उद्घाटन

 

पंढरपुर:  “वारकरीयो के चलते हर पल नई चेतना मिलती है. जब वह पैदल चलता है तो काया,वाचा और मन से ईश्वर के साथ एकाकार हो जाता है. ऐसे समय में  डॉ. विश्वनाथ कराड ने लाल मिट्टी में कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित करके वारकरीयो में एक नई चेतना पैदा की है. ऐसे विचार महाराष्ट्र राज्य के पूर्व आदिवासी विकास मंत्री हभप बबनराव पाचपुते ने व्यक्त किये.
विश्व शांति केंद्र (आलंदी), माइर्स एमआईटी, पुणे, भारत, श्री क्षेत्र आलंदी-देहू-पंढरपुर क्षेत्र विकास समिति, पुणे और महाराष्ट्र राज्य कुस्तीगीर परिषद ने वाखरी, पंढरपुर के सहयोग से, पालखी बेस के बगल में, वारकरी भक्तों के लिए आषाढ़ी वारी उत्सव को  लेकर विश्वशांति गुरुकुल क्षेत्र में  “श्री समर्थ विष्णुदास वारकरी कुस्ती स्पर्धा  ” का आयोजन किया. इसके उद्घाटन अवसर पर वे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
इस समय पंढरपुर के विधायक समाधान अवताडे, हिंद केसरी पहलवान दीनानाथ सिंह, महाराष्ट्र केसरी पहलवान अप्पासाहेब कदम और पै.विष्णु तात्या जोशीलकर सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
इसके अलावा, विश्व शांति केंद्र (आलंदी), माइर्स एमआईटी के संस्थापक अध्यक्ष, विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, हभप तुलसीराम दा कराड, प्रगतिशील किसान काशीराम दा. कराड,  एमआईटी वर्ल्ड पीस युनिव्हर्सिटी के कार्याध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, विधायक मा.श्री. रमेशअप्पा कराड, वारकरी कुस्ती महावीर स्पर्धा के समन्वय समिति के सचिव विलास कथुरे और प्रो. डॉ. टीएन मोरे उपस्थित थे.
बबनराव पचपुते ने कहा, ”डॉ. कराड, जिन्होंने संतों के नाम पर दुनिया का सबसे बड़ा गुंबद बनाया और आलंदी को पूरी तरह से बदल दिया, उन्होंने ही लाल मिट्टी में कुश्ती को बचाया है. यह समारोह मन और आत्मा को प्रसन्न करता है. इसलिए यहां आने वाले हर श्रद्धालु को किसी तीर्थ यात्रा पर आने का एहसास होता है. डॉ.कराड ने वैष्णवों की सभा में कुश्ती का मैदान भर दिया है.यहां भक्ति और शक्ति का आदर्श दिखाई देता है.”
विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा.कराड ने कहा, ” वारकरी संप्रदाय दुनिया को खुशी, संतुष्टि और शांति का मार्ग दिखाएगा. आज यहां भक्ति और शक्ति का संगम देखने को मिल रहा है. कुश्ती इसलिए कराई जाती है ताकि नई पीढ़ी गलत राह पर ना चले. राजबाग में बने गुंबद के कारण संत ज्ञानेश्वर और जगद्गुरु तुकाराम महाराज का नाम पूरी दुनिया में पहुंच गया. यहां का संदेश विश्व में सुख और शांति लाएगा.”
पहलवान दीनानाथ सिंह ने कहा, ”डॉ. विश्वनाथ कराड अथक परिश्रम कर रहे हैं. ज्ञानसागर के साथ-साथ उन्होंने शक्ति की आराधना की है. यहां आए वारकरी योद्धाओं ने इस लाल मिट्टी को समृद्ध किया है और इस क्षेत्र का कायाकल्प किया है.”
कार्यक्रम का परिचय विलास कथूरे ने दिया. प्रो. डॉ. पीजी धनवे ने कुश्ती स्पर्धा का नियोजन किया
सूत्रसंचालन प्रा. पिंगले सर ने किया

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