सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारामहाआरोग्य शिविर में 500 लोगों की जांच की
प्रशंसा; ‘सूर्यदत्त‘ द्वारा आयोजित महाआरोग्य शिविर में 500 लोगों की जांच
आत्मनिर्भर भारत के लिए सूर्यदत्त सदैव प्रत्नशील
प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया की राय; ‘सूर्यदत्त‘ द्वारा आयोजित महाआरोग्य शिविर में 500 लोगों की जांच
पुणे : सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा सूर्यदत्त एज्युकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया के जन्मदिन के अवसर पर निःशुल्क महाआरोग्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 500 से अधिक छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की जांच की गयीl नेत्र, मधुमेह, ब्लड प्रेशर, फिटनेस आदि परीक्षण किये गये। इस अवसर पर एक भव्य रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। ऑट्स ब्लड सेंटर, इन्फ़िगो आय केअर हॉस्पिटल और झिपी हेल्थ संस्थाओं इसमें सहभाग मिला.
इस अवसर पर विभिन्न संगठनों की ओर से प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया को सम्मानित किया गयाl महाराष्ट्र कला प्रसारिणी सभा के सचिन इटकर, रिपाइं नेता ऍड. मंदार जोशी, बीजेपी के संदीप बुटाला, टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप के संदीप खंडेलवाल और वर्षा पिंगळे, राष्ट्रसंचार के अनिरुद्ध बडवे, सारिका रोजेकर, पुण्यनगरी के संजय संकपाळ, प्रभात के प्रवीण पारखी, इंडियन एक्सप्रेस के मुरुगेश मुदलियार, संदीप शेट्ये, आज का आनंद के भारती बेरी, सकाळ के संतोष गोगवले, दिव्य मराठी के समीर कदम, लोकमत के समीर देशमुख, टाइम्स के संजय शिंदे, ऑट्स के मनोज वाघमारे, इन्फिगो की डॉ. मेखला कुलकर्णी से प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया का सम्मान किया गया। साथ ही सूर्यदत्त में विभिन्न विभागों द्वारा शुभकामनाएं दी गईं।
सचिन इटकर ने कहा,”प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने एक व्यक्ति के निर्माण के लिए काम किया है। उन्होंने अपने संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति के निर्माण के लिए काम किया है। ‘मिडास टच’ जैसा उनका व्यक्तित्व है. अमेरिकी राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन की असली पहचान वर्जीनिया विश्वविद्यालय में हुई, बिलकुल वैसे ही प्रोफ़ेसर डॉ. संजय बी. चोरडिया की पहचान सूर्यदत्त से की जाती है।”
अनिरुद्ध बडवे ने कहा, “हम प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया के बारे में कह सकते हैं कि उन्होंने नैतिक सिद्धांतों पर आधारित एक सपना देखा और उसे हकीकत में बदल दिया। वह पुणे की शिक्षात्मक परंपरा की विरासत, महात्मा फुले, शिक्षामान महर्षि धोंडो केशव कर्वे के काम को आगे बढ़ा रहे हैं।”
ऍड. मंदार जोशी ने कहा, “सर का छात्र कार्य के प्रति नियमित समर्पण का रवैया है।हम उनके संघर्षों और प्रयासों को करीब से देख रहे हैं। सदाशिव पेठे से विश्वविद्यालय तक की उनकी कठिन यात्रा गर्व की बात है।”
सम्मान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने सभी को धन्यवाद दिया। यह पूर्ण प्रेम और मजबूत रिश्ते की निशानी है। विश्वविद्यालय का विचार तय है और हम सभी के सहयोग से हम इस लक्ष्य को अवश्य साकार करेंगे। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए सूर्यदत्त की भागीदारी अहम रही है. उसी के तहत उन्होंने हाल ही में आयोजित जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लिया. हमेशा सर्वश्रेष्ठ करना सूर्यदत्त संस्था का मिशन है।”
“इस यात्रा में मेरी पत्नी सुषमा चोरडिया का सहयोग अमूल्य रहा है। सुषमा और परिवार के सहयोग के कारण ही मैं यह काम कर पाया हूं। ‘सूर्यदत्त’ के छात्र दुनिया भर में फैले हुए हैं। वे सूर्यदत्त का नाम दूर-दूर तक फैला रहे हैं। हाली में किये गये इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे में इसका अनुभव प्राप्त हुआl
इस समय प्रो. अवसरीकर, संदीप खंडेलवाल, वर्षा पिंगळे, संजय शिंदे, प्रविण पारखी, संजय संकपाळ, भारती बेरी, प्रशांत पितालिया, अक्षित कुशल, नयना गोडांबे, प्रतिक्षा वाबळे, केतकी बापट, शीतल फडके, प्रो. शीतल भुसारी, प्रो. राज कांकरिया, सायली देशपांडे, सविता मटाने, अश्विनी देशपांडे, हर्षवर्धन देशपांडे, प्रो. खुशाली, सविता गांधी, सिद्धांत चोरडिया, अतुल देशपांडे, जसजित कौर, सुमता घोरपडे, डॉ. सिमी रेठरेकर, नेत्रा देशपांडे के साथ विद्यार्थियों ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त कीं l सूर्यदत्त नॅशनल स्कूल की ओर से चोरडिया को उपहार कार्ड दिया गया। प्रो. सुनील धनगर ने संचालन किया।