लीला पूनावाला फाउंडेशन (एलपीएफ) की और से 263 स्कूली लड़कियों को छात्रवृत्ति . होनहार और आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को छात्रवृत्ति .
लीला पूनावाला फाउंडेशन (एलपीएफ) ने पुणे में अपने स्कूल प्रोजेक्ट के तहत शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए 263 लड़कियों को छात्रवृत्ति प्रदान की है. लीला पूनावाला फाउंडेशन की यह छात्रवृत्ति उन लड़कियों को दी जाती है जो जरूरतमंद, होनहार लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होती हैं.
इस छात्रवृत्ति को प्राप्त करने वाली यह छात्राएं शहरी एवं ग्रामीण स्कूलों में सातवीं कक्षा में पढ़ रही हैं और फाउंडेशन ग्रेजुएट होने तक उन्हें इसी प्रकार से आर्थिक मदद करेगा. इसके साथ ही एलपीएफ जल्द ही ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के नए बैच के लिए भी छात्रवृत्ति की घोषणा करेगा.
इस अवसर पर, मुख्य अतिथि – कुशल हेगड़े (अध्यक्ष कन्नड़ संघ, पुणे) और नीलम अहीर (प्रिंसिपल, सीईएस विलु पूनावाला इंग्लिश मीडियम स्कूल) ने इन लड़कियों को छात्रवृत्ति पुरस्कार से सम्मानित किया . यह समारोह विशेष अतिथि – नरेंद्र पाल सिंह बख्शी (रोटरी क्लब ऑफ पुणे के 88वें अध्यक्ष), एलपीएफ की अध्यक्षा पद्मश्री लीला पूनावाला, संस्थापक ट्रस्टी फिरोज पूनावाला, एलपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी रोडा मेहता, एलपीएफ की सीईओ प्रीति खरे, एलपीएफ के कॉर्पोरेट पार्टनर्स, डोनर्स, स्कूल प्रिंसिपल्स, छात्रवृत्ति चयन समिति के सदस्य और शुभचिंतकों की उपस्थिति में संपन्न हुआ.
एलपीएफ की इस छात्रवृत्ति परियोजना के तहत, स्कूली लड़कियों को उनकी स्कूल फीस के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. वित्तीय सहायता के अलावा, इन लड़कियों को लाइफ स्किल ट्रेनिंग, एकेडमिक काउंसलिंग, एक्सपोजर विजिट और करियर के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है, जो उन्हें भविष्य में आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनने में मदद करता है.
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, मुख्य अतिथि कुशल हेगड़े ने कहा, “एलपीएफ की टीम 7वी कक्षा में पढ़ने वाली इन लड़कियों का ग्रेजुएशन तक की शिक्षा का एवं आर्थिक सहाय्यता का महान कार्य कर रही है. उनकी इस बडी पहल के चलते ये लड़कियां जीवन में आगे बढ़ेगी और भविष्य में आर्थिक रूप से सशक्त बनेगी साथ ही समाज की आत्मनिर्भर, संस्कारी और जिम्मेदार युवतियां बनेंगी.
इस अवसर पर बात करते हुए, फ़िरोज़ पूनावाला ने कहा, “टुमॉरो टुगेदर – एलपीएफ स्कूल प्रोजेक्ट के लिए हमारे दिलों में एक बहुत ही खास जगह है, पिछले 13 वर्षों से हमने इस प्रोजेक्ट के माध्यम से 2,800 से अधिक लड़कियों के जीवन में बदलाव देखा है. कुछ सालों पहले आंखों में चमक और आशा लेकर हमारे पास आयी यह छोटी छोटी ७ कक्षा की बच्चियां आज सफलतापूर्वक कामकाज कर रहीं है, यह देखना हमारे लिए वाकई बड़े गर्व की बात है.