सीतामढ़ी

जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने वर्चुअल माध्यम से बैठक कर जिले में हो रही वर्षापात की स्थिति का लिया जायजा 

विशाल समाचार नेटवर्क टीम 

जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने वर्चुअल माध्यम से बैठक कर जिले में हो रही वर्षापात की स्थिति का लिया जायजा 

सीतामढी बिहार: जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने वर्चुअल माध्यम से बैठक कर जिले में हो रही वर्षापात की स्थिति, नदियों का जल स्तर,तटबंधों की निगरानी,रेनकट, भूजलस्तर ,चापाकलों की स्थिति, सिंचाई के साधनों, संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों आदि का विस्तृत समीक्षा किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिये। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 100 प्रतिशत बिचड़ा आच्छादन हो चुका है,वही अभी तक 75 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है। उन्होंने बताया कि अगस्त माह में अभी तक 117.38 mm वर्षापात हुई है,जो अभी तक सामान्य है। जिलाधिकारी ने बॉर्डर क्षेत्र के सभी प्रखंडों के अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि खाद को लेकर अवैध तस्करी की शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करना सुनिश्चित करें, सभी संबधित पदाधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए रखे। सभी प्रखंडों के नोडल अधिकारी अपने-अपने संबंधित प्रखंड में विजिट करते रहें एवं उपस्थित ग्रामीणों के साथ बैठक कर फीडबैक प्राप्त करें। समीक्षा के क्रम यह पाया गया कि वर्तमान में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा ऊपर है, वर्तमान में प्रवृति घटने की है। उन्होंने निर्देश दिया की वर्तमान में हो रही वर्षापात को देखते हुए नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर बनाये रखे एवं तटबन्धों की 24 घंटे निगरानी भी करते रहे,साथ ही नाईट पेट्रोलिंग लगातार करे। उन्होंने पॉलिथीन सीट्स, नाव परिचालन,नाविक की उपलब्धता एवं तटबंध की सुरक्षा को लेकर सभी अंचल अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। वहीं ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को सड़क टूटने पर मरम्मती कर यातायात व्यवस्था सुचारु रुप से चालू करने का निर्देश दिया गया। सुलिश गेट पर लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि मौसम पुर्वानुमान के अनुसार 15 अगस्त तक जिले के अनेक स्थानों में अच्छी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है । जिलाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को सतर्कता बरतने का निर्देश देते हुए कहा कि मानसून की वर्षा कभी भी जिले को प्रभावित कर सकती है, एवं कभी भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इसलिये सभी संबधित पदाधिकारी पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहे। उन्होंने एसडीओ एवं सीओ को तटबंधों एवं शरणस्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि संबधित अभियंता एवं एसडीओ प्रतिदिन तटबंधों का निरीक्षण कर रेनकट आदि से क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मति करवाये साथ ही प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट भी भेजे।जिले के सभी चिन्हित शरण स्थलों में स्वच्छ पेय जल की आपूर्ति सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहे ,इसे सुनिश्चित कर ले। उन्होंने सिविल सर्जन से चिकित्सा संबंधी सभी तैयारियों की जानकारी ली और कहा कि जहां पानी कम हो गया है वहां ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव अवश्य करा दें एवं सर्पदंश सहित सभी आवश्यक दवाइयों की कमी न होने पाए इसको सुनिश्चित करें।जिलाधिकारी ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को पशुओं की देखभाल एवं लंपी त्वचा रोग से बचाव एवं उपचार को लेकर जिले के सभी प्रखंडों के पंचायत में जागरूकता सह उपचार कैंप आयोजन करने का निर्देश दिया एवं लंपी रोग से निपटने हेतु पूरी सजगता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।

उक्त बैठक में डीडीसी ,अपर समाहर्ता मनीष शर्मा, डीपीआरओ सह आपदा प्रभारी अविनाश कुमार,सिविल सर्जन, जिला पशुपालन पदाधिकारी,सभी प्रखंडो के नोडल पदाधिकारी, सभी संबधित कार्यपालक अभियंता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, एवं अंचल अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

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