रिपोर्ट देवेन्द्र सिंह तोमर पुणे
पुणे में आसियान ट्रेड (ASEAN Trade ) की शुरुआत.
पुणे महाराष्ट्र : 18 अगस्त 2023 को पुणे के होटल शेरेटन ग्रैंड में इंडियन आसियान ट्रेड मीट्स इस सम्मेलन का आयोजन हुआ था, यह सम्मेलन म्यांमार के राजदूत एच.ई. मोए क्याव आंग और लाओस के राजदूत एच.ई बाउंमी वॅनमनी के सहयोग और समर्थन से आयोजित किया गया था. इस वक्त भारत और आसियान देशों के आपसी व्यापारिक संबंधों को गति देने के लिए म्यांमार के काउंसिल डॉ. रंगनाथन, पुष्कराज एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष शैलेन्द्र गोस्वामी प्रमुख रूप से उपस्थित थे. साथ ही इंडियन इकोनॉमिक ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के ग्लोबल अध्यक्ष डाॅ. आसिफ इकबाल और कई अन्य प्रतिनिधि भी यहां पर उपस्थित थे. इस अवसर पर भारत और आसियान के आपसी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए इन सभी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में डॉ. सचिन मधुकर काटे को ट्रेड कमिशनर के तौर पर नियुक्त किया गया.
भारत और एसोसिएशन ऑफ साऊथ ईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) अपने मजबूत, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के साथ-साथ आपसी समझौतों के माध्यम से अपनी बहुआयामी साझेदारी को मजबूत कर रहे है. आसियान-इंडिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एआईएफटीए) जैसे समझौतों से उनके संबंध मजबूत हुए हैं . व्यापार और निवेश के माध्यम से आपसी संबंधों को बढ़ाने के लिए एवं अधिक मजबूत करने के लिए वह प्रतिबद्ध हैं. ये समझौते व्यापार की बाधाओं और शुल्क को प्रभावी रूप से कम करते हैं, जिससे की वाणिज्य और निवेश में वृद्धि अनुकूल वातावरण तैयार होता है. सीमा पार व्यापार और कनेक्टिविटी में तेजी लाने के लिए, भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट जैसी दूरदर्शी पहल फलीभूत हो रही हैं. यहां पर सामूहिक रूप से हो रहे आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य पर जोर दिया जा रहा है.
म्यांमार के राजदूत मोए क्याव आंग और लाओस के राजदूत बाउंमी वॅनमनी ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में प्रतिबद्ध भारत-आसियान ट्रेड समिट का उत्साहपूर्वक स्वागत किया. इस अवसर पर पुणे में इंडिया आसियान ट्रेड कौन्सिल के कार्यालय का भी शुभ उद्घाटन हुआ. म्यांमार के काउंसिल डॉ. रंगनाथन की उपस्थिति ने इस उद्घाटन समारोह की शोभा बढ़ा दी. पुणे में स्थापित यह नया कार्यालय व्यापारिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने, पुणे एवं महाराष्ट्र के भारतीय निर्यातकों और कंपनियों को बहुमूल्य सहायता प्रदान करने और आपसी व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है, क्योंकि वे आसियान देशों में प्रवेश करना चाहते हैं. आगे कुछ आशाजनक संभावनाएँ हैं, क्योंकि आसियान प्रतिनिधि मंडल सितंबर में कंबोडिया की यात्रा की तैयारी कर रहा है, जिसके बाद अक्टूबर में सिंगापुर की एक महत्वपूर्ण यात्रा होगी. साथ ही, मलेशिया से एक बहु-क्षेत्रीय प्रतिनिधि मंडल की नवंबर में पुणे आने की उम्मीद है और वह आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.
लाओस आगामी वर्ष के लिए आसियान (ASEAN) की अध्यक्षता संभालने के लिए तैयार है, जो नेतृत्व के एक नए चरण का संकेत है, जबकि इंडोनेशिया भी आसियान की अध्यक्षता के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेगा और संबंधित क्षेत्रों की प्रगति का समर्थन करके सहयोग और एकता का संदेश देगा.
लाओस के भारतीय राजदूत एच.ई बाउंमी वॅनमनी ने इस अवसर पर कहा कि “मुझे विश्वास है कि पुणे जैसे खूबसूरत शहर में आयोजित होने वाला भारत-आसियान ट्रेड कौन्सिल लाओ और भारत के आपसी व्यापारिक संबंधों और सहयोग को मजबूत करने में मदद करेगा. इस कार्य में मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूं. इससे निकट भविष्य में हमारे लिए एक बड़े स्तर तक पहुंचने का मार्ग खुला होगा, विशेष रूप से हमारे दोनों देशों के लोगों को करीब लाने और जोड़ने के लिए यह बडी पहल है, और मैं इस सम्मेलन की सफलता की कामना करता हूं.”
म्यांमार के राजदूत एच.ई. मोए क्याव आंग ने इस अवसर पर कहा कि, “वर्ष 2018 को म्यांमार और भारत के बीच के राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया गया. दोनों देशों के बीच न केवल मैत्रीपूर्ण और सांस्कृतिक संबंधों का एक बड़ा इतिहास है, बल्कि मजबूत आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध भी हैं. कहा जाता है कि म्यांमार-भारत संबंध ऐतिहासिक, जातीय, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों पर आधारित हैं”.
म्यांमार के काउंसिल रंगनाथन ने इस अवसर पर कहा कि, “भारत और म्यांमार के बीच राजनयिक संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हो गया है क्योंकि वे दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र (आसियान) संगठन के भीतर अपने आपसी संबंधों को बढ़ा रहे हैं. भारत और म्यांमार के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध है जिसने इस साझेदारी को एक मजबूत आधार प्रदान किया है. अपनी समृद्ध विरासत को उजागर करते हुए, दोनों देश आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं. जिसमें व्यापार और निवेश प्रमुख रणनीतियाँ हैं. दोनों देशों ने व्यापार में वृद्धि की विशाल संभावनाओं को पहचाना है और इस दिशा में काम कर रहे हैं. जिसमें पारस्परिक लाभ को अधिकतम करने की योजना शामिल है.”
. इंडियन इकोनॉमिक ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डॉ. आसिफ इकबाल ने इस अवसर पर कहा, ” 640 मिलियन से अधिक निवासियों के साथ, आसियान कुल वैश्विक आबादी के 8.7% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. भू-राजनीतिक संबंधों के मजबूत होने से भारत-आसियान आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिला है, 2019-20 के 86.9 बिलियन डॉलर द्विपक्षीय व्यापार के साथ आसियान अब भारत का है चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना है. भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति उसके इंडो-पेसिफिक विजन का एक प्रमुख सिद्धांत है. भारत के पास एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भी है. इसका घोषवाक्य है “वन विजन, वन आईडेंटिटी, वन कम्युनिटी”. इस सिद्धांत के साथ आसियान दुनिया के सबसे अनोखा एवं सांस्कृतिक रूप से खास बना है, और हमने इसकी सदस्यता लेने वाले सभी सदस्य देशों को सहयोग देने के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं”
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इस अवसर पर ट्रेड कमिशनर डॉ. सचिन मधुकर काटे ने अपने विचारों की प्रस्तुति में कहा कि, ”पुणे के ट्रेड कमिश्नर के रूप में मुझे उम्मीद है कि मुझे यहां की सभी इंडस्ट्रीज मिलेगी, क्योंकि यह शहर युवा जनसंख्या का और बड़े उद्यमियों का शहर है.” यहां आसियान देशों में व्यापार की काफी संभावनाएं हैं और हमारा कार्यालय आसियान में अवसर खोजने वाले लोगों की मदद करेगा. साथ ही हम व्यापार वृद्धि और निवेश को बढ़ावा देकर शिक्षित और अनुकूल व्यवसायीक माहौल बनाएंगे. इसके लिए हम विभिन्न गतिविधियां आयोजित करेंगे. हम भारत और आसियान के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए, अधिक स्थिरता लाने के लिए, इन देशों के बीच के आपसी व्यापार , विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे” .