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डिजिटल युग में निजी जानकारी किसी को नहीं दे रितेश भाटिया की सलाह;एमआईटी डब्‍ल्‍यूपीयू में राईड २३ का उद्घाटन

डिजिटल युग में निजी जानकारी किसी को नहीं दे
रितेश भाटिया की सलाह;एमआईटी डब्‍ल्‍यूपीयू में राईड २३ का उद्घाटन
100 से ज्यादा स्टार्टअप, 6 हजार से ज्यादा छात्र मौजूद

पुणे: “प्रौद्योगिकी के युग में वेबसाइट पर जब डिजिटल लेनदेन होता है तो संबंधित व्यक्ति का पूरा डेटा एकत्र किया जाता है. अपनी निजी जानकारी किसी को न दें. इससे वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी आएगी”. यदि वित्तीय धोखाधड़ी होती है तो 1930 पर संपर्क बनाए.यह सलाह V4 वेब साइबर सिक्योरिटी के संस्थापक और निदेशक रितेश भाटिया ने दी.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों के लिए आयोजित रिसर्च, इनोवेशन, डिजाइन एंड एंटरप्रेन्योरशिप यानी (आरआईडीई-23) के उद्घाटन समारोह में वे बताौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. यह कार्यक्रम पांच दिनों तक चलेगा.
इस अवसर पर रूबी स्कैब लैब्स के संस्थापक और सीईओ डा.प्रशांत पानसरे विशिष्ट अतिथि के रूप में  उपस्थित थे. एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड के मार्गदर्शन और कार्यकारी अध्यक्ष राहुल कराड के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कुलपति डॉ.आर.एम. चिटनीस, रजिस्ट्रार गणेश पोकले, डा. संजय कामतेकर, प्रो.डॉ. दिनेश सेठी और प्रो.डॉ .नीरज महेंद्रू मौजूद थे. इस मौके पर 6 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.
रितेश भाटिया ने कहा,”सोशल मीडिया बहुत खतरनाक है और युवाओं को इसका इस्तेमाल बहुत सावधानी से करना चाहिए. इसमें हर दिन कई अपराध की घटनाएं हो रही हैं.ऐसे में छात्रों को शोध और नवाचार करते समय नैतिकता का उपयोग करना चाहिए. ओला और उबर जैसी तकनीकों के कारण काली पीली टैक्सी चालकों को बड़ा नुकसान हुआ है. सोशल मीडिया खतरनाक है,लेकिन एआई उससे भी अधिक खतरनाक है.”
डॉ. प्रशांत पानसरे ने कहा,”हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, डिजिटल और एआई भविष्य हैं. भारत सरकार डिजिलॉक, यूआईडी, आधार, यूपीआई जैसी कई चीजों को पेश करके डिजिटल को प्राथमिकता दे रही है. इससे देश में परिवर्तन की लहर पैदा हुई है.क्यूआर कोड वित्तीय लेनदेन में यह बदलाव ला रहे हैं. इससे डिजिटल ताकत बढ़ रही है. ऐसे समय में ई-हेल्थ, कृषि क्षेत्र, बैंकिंग क्षेत्र में नए इंट्राप्रेन्योर्स के लिए अवसर हैं. सतत विकास के लिए छात्रों को इनोवेशन और रिसर्च पर अधिक ध्यान देना चाहिए.”
डॉ. आर. एम. चिटनिस ने कहा,’देश की आर्थिक व्यवस्था तेजी से बढ़ रही है.जब यहां के युवा उद्यमियों द्वारा नए विचार और उद्योग शुरू किए जाएंगे तो अगले कुछ दिनों में रुपये की कीमत बढ़ जाएगी और डॉलर से आगे निकल जाएगी.अमेरिका में आबादी कम होने से उस देश की आर्थिक व्यवस्था मजबूत होती है. ऐसे में छात्रों को स्टार्टअप पर ज्यादा फोकस करना चाहिए.’
प्रो.नीरज महेंद्रू ने स्वागत पर भाषण  दिया. संचालन प्रोफेसर डॉ. गौतम बापट ने किया.

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