भारतीयों ने माँ सरस्वती की हत्या की जाने माने फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के विचार :
एमआईटी डब्ल्यूपीयू में आयोजित व्याख्यान श्रृंखला का दूसरा दिन
रिपोर्ट विशाल समाचार नेटवर्क न्यूज
पुणे: “असली भारत क्या है. इस सवाल का जवाब समाज के मुख्य चार स्तंभों के जरिए कह सकते है. तत्त्वमसि, एकांतवास, विविधता और संस्कृति इसी स्तंभों के ईद-गिर्द मनुष्य घूमता रहता है. परंतु बड़े दुख की बात कहनी पड रही है आज भारतीयों ने माँ सरस्वती की हत्या कर दी है. यही तो देश का सच्चा विभाजन है. यह विचार जाने माने फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने रखे.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, विश्व शांति केंद्र (आलंदी), माईर्स एमआइटी, पुणे और संतश्री ज्ञानेश्वर-संतश्री तुकाराम महाराज स्मृती व्याख्यान श्रृंखला के संयुक्त तत्वावधान में युनेस्को अध्यासन तहत आयोजित २८वें दार्शनिक संतश्री ज्ञानेश्वर-तुकाराम स्मृती व्याख्यान श्रृंखला के दुसरे दिन व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने निभाई.
साथ ही एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्याध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, सलाहकार डॉ. संजय उपाध्ये, कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस तथा व्याख्यान श्रृंखला के प्रमुख समन्वयक तथा प्र कुलपति प्रो.डॉ. मिलिंद पांडे उपस्थित थे.
विवेक अग्निहोत्री ने कहा, एक ओर सारी दुनिया योग की बात कर रही है और हमने पतंजलि को खत्म कर दिया है. हमने सभ्यता का स्तंभ गिरा दिया है. ऐसे समय हमें केवल तत्त्वमसि का ही स्तंभ बचा सकता है. हिंदू सोच अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जानेवाली है. लेकिन आजकल के बच्चे ज्ञान की देवी माँ सरस्वती को भूल चूके है.
पश्चिम ने हर पल नए शोध पर जोर दिया है, वहीं देश के ऋषि मुनियों ने मन पर खोज की है. यह देश त्याग और तपस्योंसे फला फूला है. लेकिन पश्चिम संस्कृति जीस तरह से हावी होती जा रही है वहीं तो देश में विभाजन की स्थिती पैदा कर रही है. आज के युवा मन पर बॉलिवूड एक अफिम जैसा काम कर रहा है. जिसने सभ्यता का स्तंभ गिरा दिया है. विज्ञान से दुनिया चल रही हैं, लेकिन जहां विज्ञान खत्म होता है वहां से अध्यात्म शुरू हो जाता है और यह अध्यात्म भारत भूमि ने सारी दुनिया को दिया है. साथ ही जब समाज के तीन स्तंभ गिर जाएंगे तब केवल तत्वमसी स्तंभ ही जीवनदान देनेवाला बनेगा.
इसके पूर्व सुबह के सत्र में जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जगदीश हीरेमठ ने बदलते जीवन शैली के चलते हार्ट के मरीजों की संख्या कैसे बढ़ती जा रही है इस पर ध्यान खिचवाया. रोजाना व्यायाम, रनिंग, स्विमिंग और रेस्ट लेने की बात कहीं. घर में मेडिकल किट रखने की सलाह भी दी.
साथ ही अभिनेता तथा कुलपति गजेन्द्र चौहान ने महाभारत सिरियल निर्माण के पीछे की कहानी सुनाई. इस सिरियल के चलते दूरदर्शन ने २०० करोड़ रूपये का मुनाफा कमाया था. देश की यह एकमात्र ऐसी सिरियल है जीसे बीबीसी ने ६ बार रिलिज की थी. इसके बाद दूरदर्शन के पूर्व महासंचालक डॉ. मुकेश शर्मा ने जीवन चलने का नाम पर विचार रखे.
डॉ. मिलिंद पात्रे ने सूत्रसंचालन किया.