मछली पालन योग्य सभी तालाबों में मछली पालन कराएं – कमिश्नर
बैंकों से समन्वय करके किसान क्रेडिट कार्ड जारी कराएं – कमिश्नर
रिपोर्ट धर्मेन्द्र गुप्ता मऊगंज
रीवा एमपी: कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में कमिश्नर अनिल सुचारी ने मछली पालन, पशुपालन, सहकारिता तथा दुग्ध संघ के कार्यों की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि संभाग में गत दो वर्षों में बड़ी संख्या में अमृत तालाबों का निर्माण किया गया है। जिन तालाबों में पर्याप्त पानी उपलब्ध है उन सभी में स्वसहायता समूह बनाकर अथवा सहकारी समिति गठित कर मछली पालन कराएं। मछली पालन कम लागत में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है। मछली पालक सहकारी समितियों का गठन लक्ष्य के अनुसार करें। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सभी अमृत सरोवरों को खसरे में एक सप्ताह में दर्ज कराएं जिससे इनमें मछली पालन कराया जा सके। संभाग में 18089 हेक्टेयर क्षेत्र मछली पालन के लिए उपलब्ध है। इसका शत-प्रतिशत उपयोग करें। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, समृद्धि योजना तथा अन्य योजनाओं के माध्यम से मछली पालन को बढ़ावा दें। विभाग के पोंड़ी मत्स्य बीज संचयन केन्द्र से लक्ष्य के अनुसार मछली बीजों की बिक्री कराएं।
बैठक में कमिश्नर ने कहा कि खेती के साथ-साथ पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। पशुपालकों को वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन के लिए प्रशिक्षित करें। गंभीर रोगों से बचाव के लिए समय पर पशुओं का टीकाकरण कराएं। सतना जिले में पशु टीकाकरण की दी गई जानकारी विश्वसनीय प्रतीत नहीं होती है। संयुक्त संचालक इसकी जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। बीमार तथा दुर्घटनाग्रस्त पशुओं के उपचार के लिए मोबाइल उपचार यूनिट बहुत उपयोगी है। इसके संचालन के लिए आवश्यक राशि की तत्काल मांग करें। मोबाइल यूनिट के उपयोग के संबंध में विकासखण्डवार विश्लेषण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। पशुपालन तथा मछलीपालक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन पत्र बैंकों में लंबित हैं। लक्ष्य से कम से कम 20 प्रतिशत अधिक आवेदन पत्र बैंकों में दर्ज कराएं। बैंक शाखा प्रबंधकों से समन्वय बनाकर पशुपालकों एवं मछली पालक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी कराएं।
कमिश्नर ने कहा कि मनरेगा योजना से स्वीकृत 478 गौशालाओं में से केवल 172 का निर्माण कार्य पूरा हुआ है। शेष गौशालाओं का निर्माण कार्य पूरा कराकर इनका विधिवत संचालन कराएं। इनमें गौवंश को रखने तथा सेवा की समुचित व्यवस्था करें। संभाग में 152 दुग्ध सहकारी समितियाँ संचालित हैं। रीवा जिले में 3746 लीटर, सतना में 2128 लीटर, सीधी में 452 लीटर तथा सिंगरौली में 891 लीटर दूध का प्रतिदिन संग्रहण किया जा रहा है। दुग्ध समितियों को समय पर दूध की राशि का भुगतान करें। नए मिल्क रूट बनाकर नई समितियाँ गठित कर दूध का संग्रहण बढ़ाएं। जिससे रीवा में बने 20 हजार लीटर क्षमता के नए प्रशीतन केन्द्र का पूरा उपयोग किया जा सके। उद्यानिकी विभाग की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने कहा कि सब्जी, मसाला तथा फूलों की खेती को बढ़ावा देने के प्रयास करें। विभिन्न योजनाओं की प्रगति शत-प्रतिशत है। इन योजनाओं के अतिरिक्त भी किसानों को उद्यानिकी फसलों से जोड़ने का प्रयास करें। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की प्रगति बहुत कम है। इसके माध्यम से किसानों को स्प्रिंकलर का वितरण कराएं। उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का नियमित रूप से तथा व्यापक प्रचार-प्रसार करें जिससे अधिकतम किसान इनका लाभ ले सकें।
बैठक में प्रभारी संयुक्त संचालक डॉ राजेश मिश्रा ने बताया कि पशुओं के लम्पी रोग पर पूरा नियंत्रण है। लंपी रोग, मुंहपका, खुरपका रोग तथा अन्य रोगों से बचाव के लिए नवम्बर माह से पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। इस माह के अंत तक टीकाकरण शत-प्रतिशत किया जाएगा। पशुओं का नि:शुल्क टीकाकरण करके पशुधन एप के माध्यम से ऑनलाइन जानकारी दर्ज की जा रही है। बैठक में जिला महाप्रबंधक सहकारी बैंक ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि संभाग के सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। इसका नियमित वितरण सहकारी समितियों तथा निजी विक्रेताओं के माध्यम से किया जा रहा है। संकल्प यात्रा के दौरान नैनो यूरिया का प्रचार-प्रसार करके किसानों में वितरण किया जाएगा। बैठक में उपायुक्त सहकारिता अशोक शुक्ला, सहायक संचालक मछली पालन डॉ अंजना सिंह, उप संचालक डीएस सिंह, जिला प्रबंधक दुग्ध संघ सीएम द्विवेदी तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।