विधायक सरकार के गलत कामों को रोके
भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की सलाहः
नेशनल लेजिस्लेटर्स कॉन्फरन्स का उद्घाटन २०० विधायक शामिल
रिपोर्ट विशाल समाचार नेटवर्क न्यूज
पुणे, भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने विधायकों को सलाह दी कि राजनीति में विरोधियों को विरोध करना चाहिए और सरकार को गलत काम करने से रोकना चाहिए, लेकिन उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे सरकार के दुश्मन नहीं है और उन्हें विधायिका को काम करने देना चाहिए. साथ ही अपने संबंधित राजनीतिक दलों के प्रति वफादार रहें और हमारे राष्ट्र की एक पार्टी और एक समूह जो भारत के तहत एक साथ आएं. वे यदि विधायक बार बार अपनी पार्टियां बदलते है तो नागरिकों की राजनीति में रुचि खत्म हो जाएगी और यह लोकतंत्र के लिए बुरी बात होगी.
एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित नेशनल लेजिस्लेटर्स कॉन्फरन्स के उद्घाटन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
इस समय व्यावसायिक सलाहकार और लेखक राम चरण की प्रमुख उपस्थिति थी. साथ ही कर्नाटक विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होराट्टी, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड उपस्थित थे.
इस सम्मेलन में विधानसभा और विधानपरिषद के औसतन २०० सदस्यों ने शिरकत की. जिसमें देश के सभी राजनीतिक दल और २५ राज्यों के प्रतिनिधित्व शामिल हुए. इसमें भाजपा, के श्री . गिरीश गौतम,कांग्रेस, डीएमके, एमआयटीसी, आरजेडी, सपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी के विधायक शामिल हुए थे. यह सभी विधायक पीएचडी, स्नातकोत्तर, इंजिनियर, कानून और डॉक्टरी पार्श्वभूमिवाले है.
वेंकैया नायडू ने कहा, विधायकों ने सकारात्मक मानसिकता रखते हुए अपने मतदाताओं से संबंधित मुद्दों पर चर्चा, बहस और निर्णय ले. विरोधी विरोध कर सकते हैं और सरकार को जवाबदेह ठहरा सकते है. लेकिन उन्हें यह काम लोकतांत्रिक तरीके से करना चाहिए. आम नागरिकों के हितों की रक्षा हम सभी को करनी चाहिए. विधायकों को लोगों के लिए आदर्श होना चाहिए. उन्हें संसद की कार्यवाही बाधित नहीं करनी चाहिए.
हमारे देश में अवसर बहुत है, लेकिन उसके साथ चैलेजेंज भी है उन सभी चुनौतियों को पार कर हमें आगे बढना होगा. देश में बहुत सारी पार्टियां है लेकिन हम सबका ग्रुप एक ही है और वो है भारत. हमें चुनावी प्रक्रिया से ही आगे बढ़ना होगा. इसक साथ ही मीडिया की भी जिम्मेदारी बनती है कि वो समाज को कुछ कंस्ट्रक्टिव दिखाए न कि डिस्ट्रक्टिव खबर परोसे.
सतीश महाना ने कहा, विधायकों ने लोकतंत्र की गरिमा को समझना बहुत जरूरी है. आज हम एकसाथ आए है तो यहां पर देश विकास के लिए विचार मंथन होना जरूरी है. लोकतंत्र क्या है, देश के जो चार स्तंभ है उसके समजते हुए अपना विकास कार्य करे. हमारी सर्वप्रथम जिम्मेदारी जनता की आवाज को सुनना है, उनकी तकलीफों को जानते हुए समाधान खोजना है. राजनीतिक व्यक्ती सबकुछ कर सकता है इसलिए हम सबको एक साथ आकर आगे बढना है.
राहुल वि.कराड ने कहा, लोकतंत्र को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए राजनीति में पढे लिखे युवाओं को आना चाहिए. साथ ही शिक्षा के साथ साथ राजनीतिक का प्रशिक्षण उन्हें मिले. आज अमेरिका में दो पार्टियां होने से वह उन्नति की राह पर है. वहीं हमारे देश में शेकडो पार्टीया है जो लोकतंत्र के लिए बाधाएं है.