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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने महिला कार्यबल में उल्लेखनीय वृद्धि का वादा किया; विविधता और समावेशन की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने महिला कार्यबल में उल्लेखनीय वृद्धि का वादा किया; विविधता और समावेशन की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है

पुणे:टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज अपने परिचालनों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने और कार्यबल में विविधता लाने के लिए केंद्रित प्रयास करने की घोषणा की। यह ज्यादा समावेशी और गतिशील कार्यबल बनाने के प्रति समर्पण के तालमेल में है। “कौशल भारत मिशन” के बड़े लक्ष्य के प्रति योगदान करते हुए, कंपनी न सिर्फ महिलाओं के कौशल को बढ़ाने बल्कि उनके समग्र विकास के सशक्तिकरण के उद्देश्य से कई नवीन पहल भी लागू कर रही है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मनाते हुए, टीकेएम ने अपने विनिर्माण कार्यों में 124 महिला सदस्यों और 55 अग्रणी महिलाओं को शामिल करने की घोषणा की है। ये कौशल युक्त व्यक्ति कंपनी के परिचालन में एक अभिन्न भूमिका निभायेंगे और इसके साथ कंपनी द्वारा एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देने की इसकी प्रतिबद्धता का पता चलेगा जो विविधता, बराबरी और समावेशीकरण के लिए जानी जायेगी।

इसके अलावा, टीकेएम ने महिला सदस्यों के लिए कौशल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया। इस तरह एक महत्वपूर्ण नई उपलब्धि हासिल की। इस प्रतियोगिता में कौशल श्रेणियों की एक विविध श्रृंखला थी, जो प्रतिभागियों को विभिन्न विनिर्माण प्रक्रियाओं में अपनी विशेषज्ञता प्रदर्शित करने में सक्षम बनाती थी। टोयोटा इंडिया के उद्योग विशेषज्ञों के एक पैनल ने समस्या समाधान, रचनात्मकता और तकनीकी कौशल जैसे मानदंडों के आधार पर प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया।

इस विकास पर टिप्पणी करते हुए, श्री जी. शंकरा, एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और निदेशक, वित्त व प्रशासन ने कहा, “टीकेएम में हम भारतीय ऑटो उद्योग को एक बेहद कुशल, विविधतापूर्ण और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल से मजबूत करने में सकारात्मक कार्यबल का योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि लैंगिक समावेशिता का दर्शन संस्थान की सीमा से आगे तक जाता है और इसमें संपूर्ण मूल्य श्रृंखला तथा बड़े पैमाने पर समाज शामिल होता है। हम विनिर्माण क्षेत्र में अपनी नई महिला टीम के सदस्यों और लीडर्स का स्वागत करते हुए रोमांचित हैं। यह हमारे मूल विश्वास के अनुरूप है कि विविधता और समावेशन को केवल एक कॉर्पोरेट जिम्मेदारी के रूप में नहीं देखा जाता है, बल्कि ग्रामीण प्रतिभा को विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धी तकनीशियनों में विकसित करने के प्रति टीकेएम की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारा मानना है कि

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