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हीट वेव (लू) से फसलों को बचाने की रणनीत (एडवाइजरी)

हीट वेव (लू) से फसलों को बचाने की रणनीत (एडवाइजरी)

इटावा विशाल समाचार: कृषि अधिकारी ने सभी किसान भाइयों को जागरूक करने के उद्देश्य से बताया है, कि हीट वेव यानि लगातार बढते तापमान में तेज गर्म हवा मानव, पशु-पक्षी किसानों और फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। उच्च तापमान से सूखा व पानी की कमी से पौधा की अनियमित पोषण की समस्या हो रही है। हीट वेव के असर पछेती गेंहूँ की फसलों

की उपज में कमी देखी गई है। गेहूँ की बालियां समय से पूर्व ही पक गयी थी. जिससे उसके दाने कमजोर

हो गए थे। कृषकों को हीट वेव से फसलों, पशुओं व स्वंय को बचाने के लिए आवश्यक उपाय करने चाहिए। वर्तमान में जनपद में 23003 हेक्टेयर में जायद की फसलो तथा उर्द, मूंग, मक्का, मुगंफली, हराचारा व सब्जियों की खेती की गई है।

उपरोक्त फसलों को हीट वेव (लू) से बचाने के लिए निम्न उपाये करने की सलाह दी जाती है।जैसे- खेती में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए समय से फसलों की सिचाई करे।,सिचाई हेतु ड्रिप पद्वित का प्रयोग करें एवं फसलों में सिचाई सुबह या शाम को करे।,खेत के चारों ओर बॉडर फसलों जैसे-मक्का, नेपियर, घास, एवं झाडीदार वृक्ष लगायें जिससे लू/गर्म हवाओं से फसलों को बचाया जा सके।, रबी फसलों की कटाई के बाद बचे अवशेष या पराली में आग न लगाएं बल्कि गड्डों में अवशेष इक्टठा करके कम्पोस्ट खाद एवं सब्जियों में मल्च के रूप में प्रयोग करें। , कृषक भाई ग्रीष्म ऋतु में कृषि कार्य करते समय शरीर को ढक कर रखे, सर पर टोपी या गमक्षा आदि लगाकर रखे तथा पर्याप्त मात्रा में पानी पियें जिससे लू से बचा जा सके।,कृषको से अनुरोध है, कि अभी धान की नर्सरी डालने से बचे, कृषक भाई रवि फसलों की कटाई के उपरांत ग्रीष्मकालीन जुताई करें जिसे हानिकारक कीट खरपतवार नष्ट हो जाते हैं तथा भूमि की जलधारण क्षमता में वृद्धि होती है।

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