माँ और नर्स का कार्य अतुलनीय व अमूल्य : सुषमा चोरडिया
सूर्यदत्त इन्स्टिटयूट ऑफ हेल्थ सायन्सेस द्वारा आंतरराष्ट्रीय मदर्स डे और नर्सिंग डे मनाया गया
पुणे : “माँ और नर्स दोनों सेवा के प्रतीक हैं। जीवन को समृद्ध बनाने में दोनों की अहम भूमिका है। दोनों परिवार की सेवा और रोगी सेवा की समर्पित भाव से करती है. दोनों का अस्तित्व हर किसी के मन में सबसे ऊपर रहता है. उनके काम की तुलना या मूल्यांकन नहीं किया जा सकता. उनका काम अमूल्य है,” ऐसा प्रतिपादन सूर्यदत्त एज्युकेशन फाउंडेशन की उपाध्यक्षा सुषमा चोरडिया ने किया.
सूर्यदत्त इन्स्टिटयूट ऑफ हेल्थ सायन्सेस द्वारा आंतरराष्ट्रीय मदर्स डे और नर्सिंग डे उत्साह में मनाया गया. सूर्यदत्त एज्युकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष, प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत में फ्लोरेन्स नायटिंगल की छवि को नमन करके की गई. बावधन स्थित ‘सूर्यदत्त’ कॅम्पस में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में नर्सिंग कॉलेज के सलाहगार एस. ऋषिकेश उपस्थित थे.
‘सूर्यदत्त’ की सहयोगी उपाध्यक्षा स्नेहल नवलखा, कार्यकारी विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी अक्षित कुशल, प्रशांत पितालिया, शीतल फडके, रोहित संचेती, प्राचार्य डॉ. सिमी रेठरेकर, प्राचार्य सायली पांड्ये, प्राचार्य हेमंत जैन, सविता मटाने, नयना गोडांबे, रोशनी जैन, मारुती मारेकरी, बाटु पाटील, नेत्रा देशपांडे आदी उपस्थित थे. प्रशांत पितलिया ने परिचय दिया। प्राचार्य डॉ. सिमी रेठरेकर ने भी अपने विचार रखे. स्नेहल नवलखा ने आभार ज्ञापित किए.
एस. ऋषिकेश ने कहा, “यह दुनिया की हर उस नर्स को सम्मानित करने का दिन है जो मरीजों की देखभाल के लिए चौबीसों घंटे काम करती है। आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक लेडी फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती को विश्व नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। बड़े होने के बावजूद धनी परिवार, फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने अपना जीवन रोगी देखभाल के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने नर्सिंग क्षेत्र में गरिमा लायी, मदर्स डे के अवसर पर, इन दो दिनों का एक साथ आना एक योग की बात है.”
सूर्यदत्त कॉलेज ऑफ नर्सिंग, पॅरामेडिकल सायन्स अँड टेक्नॉलॉजी इस वर्ष से शुरू हो रहा है. १२ से अधिक अस्पतालों के साथ हमने टायप किया है, जिससे छात्रों को प्रत्यक्षिक अनुभव मिलेगा. नर्सिंगसहित अन्य पॅरामेडिकल सर्विसेस के कोर्स शुरू किए जाएंगे. इससे प्रशिक्षित मनुष्यबल निर्माण होने में मदद होगी.-प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया, संस्थापक अध्यक्ष, सूर्यदत्त एज्युकेशन फाउंडेशन