योग्य पोषण प्रदान करने के मुलभूत भूमिका से परे भी स्तनपान के फायदे होते है, ऐसी राय विभिन्न विशेषज्ञों दी है. केईएम हॉस्पिटल पुणे के एनआयसीयू विभाग प्रमुख व नवजात शिशुतज्ञ डॉ.उमेश वैद्य ने कहा
पुणे, : योग्य पोषण प्रदान करने के मुलभूत भूमिका से परे भी स्तनपान के फायदे होते है, ऐसी राय विभिन्न विशेषज्ञों दी है. केईएम हॉस्पिटल पुणे के एनआयसीयू विभाग प्रमुख व नवजात शिशुतज्ञ डॉ.उमेश वैद्य ने कहा की, स्तनपान न केवल तत्काल पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि आजीवन स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक विकास की नींव भी रखता है.
आम तौर पर पहचाने जाने वाले लाभों में बच्चों के विकास में सहायता करना, प्रतिकारशक्ती को बढ़ावा देना शामिल है.लेकिन मेटाबॉलिक स्वास्थ्य, संज्ञानात्मक विकास और एलर्जी की रोकथाम जैसी चीजों पर स्तनपान का प्रभाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है. इन कम ज्ञात लाभों में से एक मतलब मेंदू के विकास में स्तनपान की महत्वपूर्ण भूमिका है. लाँग चेन पॉलीअनसॅच्युरेटेड फॅटी ॲसिडस और लेप्टीन जैसे माता के दूध के पोषक तत्व और बायोएक्टिव घटक संज्ञानात्मक कार्य और उच्च आईक्यू स्कोर में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. यह स्वास्थ्य आंत माइक्रोबायोटा के विकास में भी सहायता करता है, जो मेंदू के स्वास्थ्य का समर्थन करता है. मेंदू के विकास में योगदान देने के अलावा, मेटाबोलिक सिंड्रोम और एलर्जी के जोखिम को कम करने में स्तनपान का प्रभाव इसके व्यापक सुरक्षात्मक और विकासात्मक लाभों को अधोरेखित करता है.
केईएम हॉस्पिटल पुणे की लॅक्टेशन कन्सल्टंट जान्हवी शहा ने कहा की,स्तनपान के बारे में जागरूकता बढ़ाना समग्र सार्वजनिक स्वास्थ्य और भावी पीढ़ियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.
केईएम हॉस्पिटल पुणे की लॅक्टेशन कन्सल्टंट डॉ.राणी बालगुडे ने कहा की, ये लाभ न केवल शिशुओं की स्वस्थ शुरुआत में योगदान देते हैं, बल्कि माताओं और बच्चों दोनों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य कल्याण में भी योगदान करते हैं।
डॉ.उमेश वैद्य ने आगे कहा की, केईएम हॉस्पिटल में नवजात शिशू और मातांओं के देखभाल के लिए उन्नत सुविधाएं हैं. इसमें अद्ययावत एनआयसीयू और मिल्क बैंक के साथ पिछले साल शुरू किया गया लैक्टेशन क्लिनिक भी शामिल है.