ह्युंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के 30,000 छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए विद्या वाहिनी प्रोग्राम को दिया विस्तार
पुणे: ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एच एम आई एल) की सी एस आर इकाई ह्यूंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (एच एम आई एफ) ने अपने ‘विद्या वाहिनी प्रोग्राम’ के दूसरे चरण की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य विज्ञान के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के दूरदराज ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों के छात्रों के ज्ञान का विस्तार करने में मदद करना है।
भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप विद्या वाहिनी एच एम आई एफ की एक पहल है, जिसमें दूरदराज क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों के छात्रों को मिलने वाली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर फोकस किया जाता है। इससे युवा जरूरी कौशल एवं ज्ञान से लैस हो पाते हैं, जिससे उन्हें इस टेक्नोलॉजी आधारित दुनिया में आगे बढ़ने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, इस प्रोग्राम में विभिन्न वर्कशॉप के माध्यम से अध्यापकों को भी नवीनतम वैज्ञानिक प्रयोगों के मामले में अपना कौशल बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके अलावा छात्रों के लिए भी विभिन्न विज्ञान प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है, जहां उन्हें अपने अनूठे विचारों को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है।
इस विस्तारित कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एम के शणमुग सुंदरम (आई ए एस) तथा एच एम आई एल के वर्टिकल हेड – कॉरपोरेट कम्युनिकेशन एंड सोशल श्री पुनीत आनंद व वर्टिकल एडवाइजर – कॉरपोरेट कम्युनिकेशन एंड सोशल श्री सून सैंग होंग समेत एच एम आई एल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम की लॉन्चिंग के मौके पर एच एम आई एल के वर्टिकल हेड – कॉरपोरेट कम्युनिकेशन एंड सोशल श्री पुनीत आनंद ने कहा, ‘विद्या वाहिनी कार्यक्रम का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं का निखार करना और दूरदराज क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करना है, जहां अध्ययन सामग्री और वैज्ञानिक मॉडल्स तक पहुंच एक चुनौती है। विद्या वाहिनी का पहला चरण बहुत सफल रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से उत्तर प्रदेश के 5 जिलों के 10,000 छात्रों को सीधे तौर पर लाभ मिला है। मुझे उम्मीद है कि यह कार्यक्रम दूरदराज क्षेत्रों में पढ़ रहे विज्ञान के छात्रों के ज्ञान एवं उनकी समझ के स्तर को बढ़ाएगा और उन्हें भविष्य के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगा। हमारा लक्ष्य भारत में अगली पीढ़ी को सशक्त बनाना और हर छात्र को विज्ञान के विशाल क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर देना है।’
इस कार्यक्रम की जरूरत के बारे में उत्तर प्रदेश सरकार के प्राथमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने कहा, ‘विद्या वाहिनी कार्यक्रम ह्यूंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन की एक अनूठी पहल है, और हम दूरदराज क्षेत्रों से छात्रों को समर्थन देने के उनके विचारशील दृष्टिकोण की सराहना करते हैं। ये छात्र विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने और नवाचार की इच्छा रखते हैं, लेकिन अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययन सामग्री की उपलब्धता की चुनौतियों के कारण पीछे रह जाते हैं। ह्यूंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन की यह पहल भारत में शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक दृष्टिकोण है और मुझे उम्मीद है कि यह पहल सफल होगी और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगी।’
विद्या वाहिनी कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए इस विस्तारित चरण का उद्घाटन किया गया है। इसमें 5 मोबाइल साइंस लाइब्रेरी और 15 लैब ऑन बाइक की तैनाती शामिल है। एच एम आई एफ ने 30,000 छात्रों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम में अब तक 2.38 करोड़ रुपये का निवेश किया है और आगे भी इसमें निवेश का लक्ष्य रखा है। इन वाहनों को उत्तर प्रदेश और हरियाणा के 14 जिलों में तैनात किया जाएगा और दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न सरकारी स्कूलों को इनके माध्यम से कवर किया जाएगा। इससे छात्रों तक पहुंच बनाई जा सकेगी और उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में अपने ज्ञान को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम में कुछ अतिरिक्त गतिविधियां भी शामिल होंगी, जैसे सरकारी जिला स्कूलों में विज्ञान मेलों का आयोजन करना, ताकि छात्रों को अपने नवोन्मेषी कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके। साथ ही शिक्षकों को नवीनतम सामग्रियों एवं वैज्ञानिक मॉडल्स पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उन्हें छात्रों को नवीनतम शिक्षा मॉड्यूल समझाने में मदद मिलेगी।
अगस्त्य फाउंडेशन इस कार्यक्रम के लिए क्रियान्वयन भागीदार के रूप में काम कर रहा है। अगस्त्य फाउंडेशन के सहयोग से विद्या वाहिनी कार्यक्रम को 2022 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, शामली, गोंडा, ललितपुर और शाहजहांपुर जिलों में शुरू किया गया था और इस कार्यक्रम से 10,000 छात्रों को लाभ मिला है। इस दौरान छात्रों को नवीनतम अध्ययन सामग्रियों और विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों से परिचित कराया गया। कार्यक्रम के दौरान सरकारी स्कूल के शिक्षकों को कौशल विकास प्रशिक्षण भी प्रदान किया ताकि लंबे समय तक उनके अध्यापन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। कार्यक्रम के तहत जिला स्तर पर 48 विज्ञान मेले आयोजित किए गए, जिसमें छात्रों को भाग लेने और अपने अभिनव कौशल को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।