नोएडा: डीसीपी सेंट्रल जोन हरीश चंदर, एडीसीपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें एक न्यूज चैनल के एडिटर इनचीफ अतुल अग्रवाल से लूट की घटना की जानकारी मिली थी। मामले में अतुल अग्रवाल से संपर्क कर तहरीर देने को कहा गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
पुलिस की जांच में निजी न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ अतुल अग्रवाल से नोएडा एक्सटेंशन में हुई लूट की पुष्टि नहीं हुई है। अतुल अग्रवाल ने घटना की जानकारी फेसबुक पर पोस्ट कर दी थी। पुलिस ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पेश किए। पुलिस ने कहा कि उस रात वरिष्ठ पत्रकार महिला मित्र के घर खाना खाने के बाद ओयो होटल में रुके थे। जिससे यह पता चल रहा है कि वरिष्ठ पत्रकार के सोशल मीडिया पर दी गई लूट की जानकारी झूठी है।
डीसीपी सेंट्रल जोन हरीश चंदर, एडीसीपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें एक न्यूज चैनल के एडिटर इनचीफ अतुल अग्रवाल से लूट की घटना की जानकारी मिली थी। मामले में अतुल अग्रवाल से संपर्क कर तहरीर देने को कहा गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। पुलिस ने स्वयं मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच, फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य में सामने आया है कि 19 जून को शाम 7 बजे वह सेक्टर-45 में अपनी महिला मित्र के घर खाना खाने गए थे। इसी दौरान अतुल अग्रवाल की पत्नी का कॉल आया और उन्हें तुरंत घर आने के लिए कहा गया। उनकी महिला मित्र के अनुसार रात 10:40 पर वहां से चले गए।
अतुल अग्रवाल रात 11:01 मिनट पर अपने ईकोविलेज सोसाइटी स्थित घर पहुंच गए थे। रात 11:12 पर फिर से घर से निकले और 11:58 मिनट पर लौट आए। इसके बाद वह रात 12:15 मिनट पर फिर घर से निकले, 12:40 मिनट पर उनकी कार एटीएस गोलचक्कर के पास दिखाई दी लेकिन राइस चौकी से पहले हनुमान मंदिर के पास से लौट गई। उन्होंने रात 1:20 मिनट पर महिला मित्र को कॉल कर कहा कि वह सड़कों पर घूम रहे हैं और ओयो रूम तलाश रहे हैं। उस दौरान भी उन्होंने लूट की कोई जानकारी नहीं दी। जबकि फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लूट की घटना लगभग 1 बजे की बताई थी।
रात 12:53 मिनट पर अतुल अग्रवाल की कार चार मूर्ति क्रास करती हुई पर्थला गोलचक्कर की तरफ गई। इसके बाद वह सेक्टर-121 स्थित ओयो होम्स टाउन में रात्रि 1:07 मिनट पर पहुंचे। इसके बाद वह पूरी रात होटल में रुके और अगले दिन सुबह 11:46 मिनट पर होटल से निकले। पुलिस का कहना है कि पर्थला गोलचक्कर से होटल तक पहुंचने में 15-14 मिनट का समय लगता है। इससे पता चलता है कि वह रास्ते में नहीं रुके और न ही कोई घटना हुई। ओयो होटल को किए गए भुगतान भी अतुल अग्रवाल ने अपने बैंक अकाउंट से किया है। होटल के एंट्री रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर नहीं थे लेकिन सीसीटीवी फुटेज में उनके आने जाने की पुष्टि हुई है।
‘महिला मित्र नहीं हमारी छोटी बहन की तरह हैं’
हमारी जान बच गई। हमें और कुछ नहीं कहना, किसी से कोई गिला नहीं। इस संदर्भ में बताई जा रही ‘अनुकूल सच’ वाली थ्योरी पर भी हमें कुछ नहीं कहना है। हम खामोश ही अच्छे हैं, क्योंकि यहां तो जिंदा आदमी को खुद को जिंदा साबित करने में सालों लग जाते हैं। जिसे महिला मित्र बताया जा रहा है वो हमारी छोटी बहन की तरह है, उनके घर पर 2 बहनें और भी मौजूद थीं। ओयो होटल में हम अकेले रुके थे। इसको लेकर भ्रम फैलाने वालों के अपने निजी कारण हो सकते हैं।