गोदरेज ल‘अफेयर ने दिल को छू लेने वाली दिवाली फिल्म #सेलेब्रेटिंग एक्सेप्टेंस के साथ एलजीबीटीक्यूआईए+ के सभी रिश्तों को स्वीकार करने का संदेश दिया है।
पुणे: – दीयों की लौ से चमकते बाजारों से लेकर घरों में तैरती त्यौहारी व्यंजनों की खुशबू तक, दिवाली प्यार, रोशनी और एकजुटता का एक ऐसा उत्सव है जो दिलों और परंपराओं को जोड़ता है। इसी दौर में गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप (जीआईजी) के स्वामित्व वाले अनुभवात्मक मीडिया लाइफस्टाइल प्लेटफॉर्म गोदरेज ल‘अफेयर ने दिवाली पर अपने #सेलेब्रेटिंग एक्सेप्टेंस अभियान को जारी रखते हुए इस उत्सव की रंगीनी को और बढ़ा दिया है। गोदरेज ल‘अफेयर का यह अभियान प्यार और रिश्तों के जरिये दिल को छू लेने वाले संदेश को बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचाने में कामयाब नजर आ रहा है।
फिल्म का उद्देश्य एक समलैंगिक जोड़े की भावनात्मक यात्रा को चित्रित करते हुए रिश्तों में स्वीकृति और समानता के सही अर्थ को प्रदर्शित करना है। ऐसी दुनिया में जहाँ रूढ़ियाँ और पूर्वाग्रह आज भी कायम हैं, गोदरेज ल‘अफेयर एक आकर्षक ब्रांड फिल्म के माध्यम से इन पूर्वाग्रहों को चुनौती देना चाहता है। कहानी किशोर उम्र के लड़के श्लोक की है, जो अक्सर अपनी पड़ोस वाली आंटी के साथ बातचीत में मशगूल रहता है। पड़ोस की यह आंटी उसे प्यार और परिवार को समझने में मदद करती है। जैसे-जैसे दिवाली का जश्न आगे बढ़ता है, श्लोक को परिवार की अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों का सामना करना पड़ता है। उसकी पड़ोसी चाची उसे सिखाती है कि सभी प्रकार के रिश्तों को अपनाने से परंपराएं सबसे अच्छी तरह समृद्ध होती हैं, और इस तरह श्लोक, सभी रिश्तों को स्वीकार करने के मार्ग में एक प्रेरक की भूमिका निभाता है।
अंकित अंदलेकर (अनिमेष) और शैलेश गुप्ता (जय) को समलैंगिक जोड़े के रूप में पेश करते हुए, ब्रांड फिल्म खूबसूरती से प्यार, स्वीकृति और सभी रिश्तों को समझने और उन्हें सहेजकर रखने के महत्व को एक शक्तिशाली संदेश के जरिये समझाती है। गोदरेज ल‘अफेयर, इस अभियान के साथ, परंपराओं के साथ-साथ रिश्तों के महत्व पर जोर देने का लक्ष्य रखता है, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि ‘रिवाजों से रिश्ते नहीं बनते’, बल्कि इसके बजाय ‘हम रिश्तों से रिवाज बनाते हैं’। श्लोक के पड़ोसी ने एक खूबसूरत रूपक के माध्यम से सभी प्रकार के प्रेम का जश्न मनाने का संदेश दिया है, ‘ब्राउन हो या कलरफुल, है तो दोनो मिट्टी के दिए ना!’ यह दृष्टिकोण श्लोक को बिना किसी पूर्वाग्रह के विविध रिश्तों को आत्मसात करने की अनुमति देता है। यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि स्वीकृति समझ से शुरू होती है और कभी-कभी, सबसे सरल रूपक सबसे गहरे सबक दे सकते हैं।
दिवाली का पर्व दरअसल हम एक-दूसरे के जीवन में जो खुशियाँ लाते हैं, उसके बारे में है। आखिरकार, जब प्रत्येक दीया अपनी अनूठी रोशनी बिखेरता है, तो त्योहार और भी अधिक सार्थक हो जाता है। श्लोक छोटी उम्र में ही बदलाव, सीखने और समावेश की सच्ची भावना को आत्मसात करने का एक राजदूत बन गया है। संदेश स्पष्ट है- दिवाली सभी के लिए है, और हर रिश्ते का उत्सव गर्व के साथ मनाया जाना चाहिए।
इस कैम्पेन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए, गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप के चीफ कम्युनिकेशंस ऑफिसर, कॉर्पोरेट ब्रांड और कम्युनिकेशंस सुजीत पाटिल (ही/हिम) ने कहा, “हमारे देश में उत्सव हमारी परंपराओं में गहराई से समाए हुए हैं। इस फिल्म के साथ गोदरेज ल’अफेयर का उद्देश्य पारंपरिक मानदंडों को व्यापक बनाने के बारे में बातचीत शुरू करना है। हम मानदंडों से परे प्यार के बारे में सार्थक बातचीत शुरू करने की उम्मीद करते हैं। दिवाली उत्सव और जुड़ाव का समय है, और हमारा मानना है कि स्वीकृति की रोशनी सभी के लिए समान रूप से चमकनी चाहिए – चाहे वे किसी से भी प्यार करें। अपने मूल में, यह फिल्म प्रामाणिकता पर बने रिश्तों की सुंदरता को दर्शाती है, जो हमें याद दिलाती है कि सच्चा आनंद एक-दूसरे को उसी रूप में अपनाने से आता है, जैसे हम हैं। हमें उम्मीद है कि यह लोगों को उनके सभी रूपों में रिश्तों का जश्न मनाने और ऐसी परंपराएँ बनाने के लिए प्रेरित करेगी जो प्यार में निहित हैं।’’
गोदरेज डीईआई लैब के हैड परमेश शाहनी (ही/हिम) ने कहा, ‘‘गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप में विविधता का ध्यान रखते