उत्तर प्रदेशराजनीति

बंटेंगे तो कटोगे.. एक है तो सेफ हैं.. के बाद सीएम योगी ने एकदम से बदला दांव, नया नारा कैसे बढ़ाएगा अखिलेश-सपा की बैचैनी

बंटेंगे तो कटोगे.. एक है तो सेफ हैं.. के बाद सीएम योगी ने एकदम से बदला दांव, नया नारा कैसे बढ़ाएगा अखिलेश-सपा की बैचैनी

यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव पर सीएम योगी के इस नारे से कितना देखने को मिलेगा, यह तो नतीजे बताएंगे.. लेकिन हां ये जरूर है कि सपाईयों को लेकर दिए उनके नए स्‍लोगन ने विपक्षी पार्टी में इसको लेकर बेचैनी जरूर बढ़ा दी है.

बंटेंगे तो कटोगे.. एक है तो सेफ हैं.. के नारों के बाद सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने शुक्रवार को एक नया नारा दिया.. जो है ‘जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई..’ जहां यूपी उपचुनाव के साथ ही महाराष्‍ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में भी सीएम योगी के इन नारों की पहले से धाक देखने को मिल रही है.. ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ के इस नए नारे ने यूपी उप चुनाव में अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले की काट के लिए बीजेपी को नया हथियार दे दिया है. ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है, क्‍योंकि उनके पहले दो नारे जहां पूरी तरीके से हिंदुओं को एकजुट करने की कवायत में फिट साबित हो रहे हैं, वहीं वे विपक्ष के जातिगत जनगणना वाले दांव के खिलाफ उपयोगी भी साबित हो सकते हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव में पीडीए फार्मूले के बल पर यूपी में 37 सीटें जीतने वाली सपा को उप चुनाव में कमजोर करने के लिए अब सीएम योगी ‘सपा के पुराने इतिहास’ को उसी के खिलाफ इस्‍तेमाल करने की रणनीति बना रहे हैं. ये बात इस नारे से साफ साबित होती दिख रही है.

 

क्‍या है सीएम योगी का नया नारा?

चलिए पहले आपको बता दें कि सीएम योगी ने ये नया नारा कहां और किसलिए दिया. वह मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के प्रचार के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचे थे. यहां उन्‍होंने जनता को संबोधित किया और तीखे अंदाज में समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला. सपा की खिलाफत करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई.. यानि समाजवादी पार्टी के लोगों को देखकर बेटियां घबरा जाती हैं. वह आगे कहते हैं कि ‘2012 से 2017 के बीच एक नारा चला करता था, जिसमें कहा जाता कि जिस गाड़ी पर सपा का झंडा, समझो बैठा है कोई गुंडा. बहनों और भाइयों आज मैं कह सकता हूं कि, जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई. इनके कारनामों को आपने देखा होगा. अयोध्या में आपने नजारा देखा, कन्नौज में देखा होगा. इनको कोई लोकलाज नहीं. ये आस्था से खिलवाड़ करने वाले लोग हैं. ये बेटियों और बहनों की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले लोग हैं.’

 

ये चुनाव, नारे बीजेपी को लिए तैयार कर रहे आगे का रास्‍ता?इस तरह यूपी में ‘नारे के बदले नारे’ की चल रही वॉर में उन्‍होंने एक नया हथियार इस स्‍लोगन के जरिये दे दिया है. बंटेंगे तो कटोगे.. एक है तो सेफ हैं.. के जरिये जहां उनका मकसद या संदेश हिंदुओं को एक करना रहा है, वहीं पार्टी के हिंदुत्‍व एजेंडे को भी आगे बढ़ाना है. क्‍योंकि राम मंदिर, कश्‍मीर से धारा 377 हटाने सरीखे बड़े मुद्दे पूरे हो जाने के बाद अब बीजेपी को ऐसे मुद्दों की तलाश है, जो आगे रणनीतिक तौर पर जनता के बीच ले जाई जा सकें. ऐसे में सीएम योगी के साथ ही पीएम मोदी भी मथुरा, काशी की बात अपने रैलियों में करते दिख रहे हैं. लेकिन इंडिया गठबंधन खासकर अखिलेश का पीडीए फॉर्मूले उनके लिए इन उप चुनावों में बड़ा रोड़ा बनता दिख रहा है.. उन्‍हें इसकी काट चाहिए. क्‍योंकि लोकसभा चुनाव में जीत के बाद सपाई PDA के बल पर इन उप चुनावों में जीत को लेकर बेहद आश्‍वस्‍त हैं. लिहाजा जहां सीएम योगी नया देते हैं, वहीं उसकी काट के लिए समाजवार्दी पार्टी के नेताओं की ओर आए दिन नया नारा शुदा पोस्‍टर प्रदेश भर में कार्यालयों के बाहर लगा दिया जाता है.

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