सामा-चकेवा लोकपर्व को लेकर वेटरन्स इंडिया सीतामढी़ (अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संगठन) के तरफ से आयोजन
विशाल समाचार संवाददाता सीतामढ़ी
भाई-बहन के अगाध प्रेम के अमर गाथा को प्रदर्शित करने के मान्यता के अनुसार सामा चकेवा गांव की नव युवतियों व महिलाओं के द्वारा यह भैया दूज पर्व की रात से ही प्रत्येक आंगन में नियमित रूप से मनाया जाता है। संगठन के जिला कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व सैनिक अनिल कुमार ने बताया कि मिथिलांचल क्षेत्र का पुरातन परंपराओं से जुड़ा लोकपर्व है जो विलुप्त होने के कागार पर है।
इसे जीवंत रखने अपनी सभ्यता एवं संस्कृति को संरक्षित करने का एक सामुहिक प्रयास किया गया है। डॉ प्रतिमा आनंद ने कहा कि इस लोकपर्व को महिलाएं बटगवनी ,ब्राह्मण गीत, गोसाउनीक गीत, समदाउन लोक गीत गाकर मनाती है। इस अवसर पर बहन अपने भाई की लंबी उम्र व सुख समृद्धि के लिए यह पर्व पूरे विधि विधान के साथ मनाती है। यह भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की धरोहर है ग्रामीण इलाका आज भी सुंदर और स्वस्थ है यहां की माताएं बहने बड़े हर्षोल्लास के साथ इसे मनाते हैं शहरों में बसने वाले पश्चिमी सभ्यता के चकाचौंध में इसको भूलते और विलुप्त करते जा रहे हैं। आयोजन में सामा चकेवा का प्रतियोगिता भी करवाया गया जिसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय, एवं चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाली बहन क्रमशः अंजली, कंचन, सुस्मिता, शिवानी को पुरस्कृत कर हौसला औपजायी किया गया। बसवरिया नगर निगम वार्ड नं 25 में सामा चकेवा खेलती बहन अंशु, नंदनी, सीमा, तुलसी, मुस्कान समेत अन्य माताएं एवं बहनों को संगठन के तरफ से उपस्थित पूर्व सैनिकों ने प्रोत्साहित एवं उत्साहवर्धन करते हुए चौकलेट भेंट किया। कार्यक्रम में पूर्व सैनिक विरेंद्र यादव, सुबेदार राम इकबाल भगत, सुबेदार लक्ष्मी प्रसाद, पूर्व सैनिक जितेंद्र राय, युवा टीम के राजकिशोर प्रसाद, शिवनाथ यादव, रौशन कुमार, अमित कुमार, रनविजय सिंह, आलोक कुमार, भरत कुमार उपस्थित थे।