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नव भारत के लिए महिलाओं को सशक्त होना होगा

नव भारत के लिए महिलाओं को सशक्त होना होगा

पद्मविभूषण डॉ. माशेलकर की राय : द एम्पावर हर फाउंडेशन का शुभारंभ

‘हिरकणी’ योजना में तीन लडकियों को लिया गोद

 

पुणे : नव भारत एक पैर पर नहीं चल सकता, उसे दो पैरों पर चलना होगा. इसके लिए महिलाओं को सशक्त बनाने की जरूरत है. वे अधिक संवेदनशील होती है. इसलिए महिलाओं और लडकियों को न केवल शिक्षा दे, बल्कि खूब पढाओ, और उनकी शादी भी जल्दी मत कराओ. शिक्षा भविष्य है इसे हमेशा याद रखना चाहिए. ऐसी सलाह विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्म विभूषण डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने दी.

द एम्पावर हर फाउंडेशन संस्था द्वारा आयोजित हिरकणी योजना के शुभारंभ पर वह बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. यह कार्यक्रम कप के किर्लोस्कर सभा मंडप में संपन्न हुआ.

इस अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष संदीप नुलकर, सचिव निपुण धर्माधिकारी, कोषाध्यक्ष ऋषिकेश अत्रे और निदेशक रुपाली शिंदे आगाशे उपस्थित थे.

संस्था की हिरकणी योजना के तहत इस वर्ष तीन लड़कियां गायत्री रावडे, दीया दिघे और पीयूषा पांडव को स्थायी शैक्षणिक छात्रवृत्ति देकर उनका आर्थिक रूप से स्वतंत्र होन तक उनके समग्र विकास पर काम किया जाएगा. इन लडकियों को डॉ. माशेलकर ने स्वीकृती दी.

बासमती चावल एवं हल्दी का पेटंट करनेवाले अमेरिका कंपनियों के खिलाफ लढाई लढनेवाले डॉ. माशेलकर को इस समय बासमती चावल तथा हल्दी और का प्रतीकात्मक उपहार देकर सम्मानित किया गया.

डॉ. माशेलकर ने कहा, वास्तव में भारत के कार्यबल में केवल २४ प्रतिशत महिलाएं हैं. चीन में यह प्रतिशत ६०, वियतनाम में ७० प्रतिशत है वहीं बांग्लादेश हमसे आगे है. चीन ने वर्षों से महिलाओं को बौद्धिक और शारीरिक नौकरियां दी हैं. बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, सेविंग स्कीम, कन्या श्री प्रोजेक्ट के साथ ही शिक्षा की नई योजनाए है. बावजूद इस पर समय अनुसार अधिक काम करना होगा. देश में आज भी अंधविश्वास दिख रहा है, मंगलयान चांद पर पहुंच गया है, लेकिन लडकियों की शादी संदिग्ध है, क्योंकि देश में अभी भी मंगल है.

शिक्षा ही भविष्य है, यह सृष्टि का सबसे बड़ा सूत्र है. भविष्य की ओर देखते हुए आज ही पुणे में ऐसा काम शुरू करना जरूरी है. इस काम के लिए शिक्षा, कौशल विकास और अनुभव के साथ साथ पैसा और समय भी जरूरी है. जिस तरह से सावित्रीबाई फुले और अहिल्याबाई होल्कर ने क्रांति लायी, उसी तरह हिरकणी योजना एक महान आंदोलन के रूप में सामने आएगी.

संदीप नूलकर ने कहा, महिलाओं की दुर्दशा को करीब से देखकर मुझे उनके लिए काम करने की प्रेरणा मिली. वंचित लडकियों को उचित रोजगार के साथ साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और उनके तथा उनके परिवारों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए द एम्पावर हर फाउंडेशन की स्थापना की. हिरकणी योजना के तहत लडकियों को स्थायी शैक्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी और उनके समग्र विकास पर जोर दिया जाएगा.

कार्यक्रम का संचालन एवं आभार संहिता चांदोरकर ने किया.

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