पूणेविजनेस

गोदरेज एग्रोवेट ने ICAR-CIFE के सहयोग से अर्गो रिड फिश लिस कंट्रोलर लॉन्च किया

गोदरेज एग्रोवेट ने ICAR-CIFE के सहयोग से अर्गो रिड फिश लिस कंट्रोलर लॉन्च किया

Pune,: गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (गोदरेज एग्रोवेट) ने आज अर्गो रिड फिश लिस कंट्रोलर लॉन्च करने की घोषणा की। इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) – सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज एजुकेशन (CIFE) के सहयोग से विकसित किया गया है। यह प्रोडक्ट मछलियों पर परजीवी के कारण हुए घावों (अर्गुलस स्पॉट) को ठीक करने में मदद करता है और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर एक्वा फॉर्मर्स को मछलियों की बेहतर देखभाल करने में सक्षम बनाता है।

अर्गुलस इन्फेक्शन लंबे समय से मछली पालन उद्योग के लिए समस्या बना हुआ है, जो भारत के लगभग 48% मछली पालन तालाबों को प्रभावित करता है और प्रति वर्ष अनुमानित 62.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान पहुंचाता है। अर्गो रिड इस चुनौती का समाधान लाया है। किसानों के हित के लिए आसान तरीके से उपयोग किए जाने वाले फॉर्मूलेशन के माध्यम से इस प्रोडक्ट को छोटे और बड़े व्यावसायिक मछली पालक किसानों द्वारा आसानी से अपनाया जा सकता है।

लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए गोदरेज एग्रोवेट के प्रबंध निदेशक बलराम सिंह यादव ने कहा, “गोदरेज एग्रोवेट में, हम शोध-आधारित समाधानों की पेशकश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो खेती की दक्षता को बढ़ाते हैं और किसानों के परिवारों को सशक्त बनाते हैं। ‘ब्लू रेवोल्यूशन’ में योगदान देने के अपने प्रयास में, हमें फिश फॉर्मर्स को एक भरोसेमंद, उपयोग में आसान और प्रभावी उपकरण प्रदान करने पर गर्व है, जो उद्योग की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक का समाधान करता है। ICAR-CIFE की तकनीकी विशेषज्ञता और हमारे वितरण नेटवर्क का लाभ उठाकर, हमें विश्वास है कि ऐसे सार्वजनिक-निजी साझेदारियां उद्योग में सार्थक प्रगति लाने और भारत के मत्स्य उद्योग को वैश्विक मानचित्र पर मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।।

ICAR-CIFE के वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद अकलाकुर ने भी इस उत्पाद पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “अर्गो रिड की शुरुआत वैज्ञानिक दृष्टिकोण से एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह प्रोडक्ट न्यूट्रास्युटिकल्स फिश लिस कंट्रोलर संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रभावी हैं। इसका फॉर्मूलेशन न केवल फिश लिस कंट्रोलर को समाप्त करता है, बल्कि प्रतिरक्षा बढ़ाता है, घावों को ठीक करता है और मछलियों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है। ICAR-CIFE में गहन अनुसंधान के माध्यम से विकसित अर्गो रिड उद्योग की एक प्रमुख चुनौती का एक स्केलेबल और प्रभावी समाधान प्रदान करता है।”

गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड के CEO – एक्वाफीड बिजनेस, ध्रुबज्योति बनर्जी ने कहा, “भारत वैश्विक मछली उत्पादन में तीसरे स्थान पर है और कुल उत्पादन में 8% का योगदान देता है। इनलैंड एक्वाकल्चर, जो 2.36 मिलियन हेक्टेयर तालाब क्षेत्र के साथ मुख्य योगदानकर्ता है, ने भारी वृद्धि दर्ज की है, लेकिन उत्पादकता में सुधार की अभी भी बड़ी संभावना है। यह क्षेत्र जो पोषण सुरक्षा, विदेशी मुद्रा अर्जन और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उसके लिए अर्गो रिड मछली उत्पादन दर बढ़ाने और उत्पादकता को प्रोत्साहित करके दीर्घकालिक आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने हेतु एक महत्वपूर्ण नवाचार है।”

अर्गो रिड को फार्म-निर्मित या व्यावसायिक फीड के साथ समान रूप से मिलाना चाहिए। अनुशंसित खुराक 100 किलोग्राम फीड पर 3 किलोग्राम है। इसे दो दिनों तक लगातार खिलाना है, सातवें दिन एक बार और यदि संक्रमण जारी रहता है, तो 15-दिन के अंतराल पर दो बार और खिलाना है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए, इसे साफ और धूप वाले दिनों में खिलाने की सिफारिश की जाती है ताकि अधिकतम अवशोषण और प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके।

तकनीकी प्रगति को जमीनी समर्थन से जोड़कर, गोदरेज एग्रोवेट का एक्वाफीड बिजनेस मछली पालन में मौसमी उत्पादकता चुनौतियों का समाधान करने के लिए समर्थन का एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र बना रहा है। कंपनी किसानों को सशक्त बनाने और सतत प्रथाओं के माध्यम से एक मजबूत अक्वाकल्चर इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button