
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राजस्थान के बस्सी के प्रसिद्ध कृषि उत्कृष्टता केंद्र का दौरा किया
दौरे के दौरान जैतून और स्टीविया की खेती की संभावनाओं पर विशेष ध्यान दिया
विशाल समाचार संवाददाता लखनऊ
प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कृषि भवन जयपुर में कृषि आयुक्त चिन्मय गोपाल व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने विभिन्न विषयों पर अपनी प्रस्तुतियाँ प्रस्तुत कीं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि व उद्यान क्षेत्र को अधिक सशक्त और आधुनिक बनाने के साथ-साथ औद्यानिक खेती, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती सहित कृषि निर्यात एवं फ्रूट प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना की जाएगी, जिससे प्रदेश के किसानों की आय में वृद्धि होगी और हमारे अन्नदाताओं के जीवन में खुशहाली आएगी।
उद्यान मंत्री बैठक के बाद राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित बस्सी के एक प्रसिद्ध कृषि उत्कृष्टता केंद्र का दौरा किया। दौरे के दौरान, मंत्री ने जैतून की खेती की संभावनाओं पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने पाया कि उत्तर प्रदेश के उत्तराखंड से सटे जिलों में जलवायु जैतून की खेती के लिए उपयुक्त है, जहां उत्तराखंड में पहले से ही यह फसल सफलतापूर्वक उगाई जा रही है। खीरे की खेती को भी लाभदायक माना गया। मंत्री ने कहा कि उचित तकनीकों और बाजार संपर्क के साथ, उत्तर प्रदेश के किसान खीरे की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यह न केवल उनकी आय बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय बाजारों में आपूर्ति को भी मजबूत करेगा।
मंत्री सिंह ने स्टीविया की खेती को उत्तर प्रदेश में लागू करने की संभावना व्यक्त की, जो किसानों को नई आय का स्रोत दे सकता है और प्राकृतिक स्वास्थ्य उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा कर सकता है। स्टीविया एक औषधीय पौधा है और प्राकृतिक मिठास के लिए जाना जाता है। स्टीविया मधुमेह रोगियों के लिए चीनी का एक स्वस्थ विकल्प प्रदान कर सकता है।
दिनेश प्रताप सिंह ने राजस्थान सरकार के कृषि और उद्यान अधिकारियों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान साझा किए। उन्होंने कहा कि ये अनुभव उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे।