एतिहासिक विरासत लखनऊ
ठंड का एहसास कराएगी खास ईंट : काली मिट्टी से बनीं ईटों में छेंद बना हुआ है जो मंदिर की गर्मी को बाहर के साथ ही बाहर की ठंडी हवा मंदिर में लाने का काम करेगी। इन ईंटों से बनने वाली दीवार पर प्लास्टर नहीं होगा। बारिश के मौसम में हल्की सी बारिश मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सोंधी मिट्टी की खुशबू का एहसास होगा
151 फीट के भजन मुद्रा में दिखेंगे हनुमान : भूतल पर पुराने हनुमान जी का मंदिर रहेगा जहां श्रद्धालु बजरंगबली को सिंदूर अर्पित करेंगे तो प्रथम तल पर हनुमान जी आशीर्वाद मुद्रा में नजर आएंगे। प्रथम तल से गोमती नदी के किनारे जाने के लिए सीढिय़ां बनाने का कार्य पूरा हो गया है। भूतल से 151 फीट ऊंची हनुमान की प्रतिमा 30 टन की है। राजधानी में अपनी तरह के इस इकलौती प्रतिमा गोमती के किनारे नजर आएगी।
संगमरमर की खास पेंटिंग : एक ओर जहां मंदिर का गुंबद गदे के आकार का बन रहा है तो दूसरी ओर मंदिर की दीवारों पर हनुमान जी की मुद्राओं को संगमरमर की खास पेंटिंग्स के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया गया है। मंदिर में हर ओर पवनपुत्र हनुमान की प्रतिमाएं श्रद्धालुओं को अपनी ओर खीचेंगी। मंदिर परिसर में सत्संग हाल के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा की सहूलियत के लिए एसी भी लगाए जाएंगे।
हनुमत वाटिका में होगी कथा : मंदिर परिसर में बनी हनुमत वाटिका में सीढिय़ां बनी हैं जहां श्रद्धालु बैठकर शांति का एहसास कर सकता है। आदि गंगा गोमती के किनारे पानी के बीच बने व्यासपीठ पर कथाचार्य कथा का गुणगान करेंगे और हनुमत धाम में विराजमान हनुमान कथाचार्य के सामने होंगे
बड़े मंगल पर होगी शुरुआत : हनुमत धाम मंदिर के महंत रामसेवक दास ने बताया कि अगले साल ज्येष्ठ के बड़े मंगल पर मंदिर श्रद्धालुओं के लिए हनुमत धाम खुलने की संभावना है। ज्येष्ठ के मंगलवार को मंदिर परिसर में सुबह से लेकर शाम तक राहगीरों को मिष्ठान के साथ ही ठंडे पानी का वितरण किया जाएगा।