विशाल समाचार टीम
एक ने पिता तो दूसरे ने भाई को दिया धोखा- जब अखिलेश यादव और मायावती पर जमकर बरसे थे शिवपाल यादव
पूरा मामला साल 2019 का है। तब लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव और मायावती ने गठबंधन कर लिया था।
शिवपाल Yadav वसपा मायावती वसपा अखिलेश Yadav: मुलायम सिंह यादव (मुलायम Singh यादव) का परिवार देश का सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार है। इस परिवार से करीब दो दर्जन सदस्य राजनीति में हैं या रहे हैं। 2017 में इस कुनबे की कलह पूरे देश ने देखी थी। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने चाचा शिवपाल यादव को मंत्री पद से हटाया तो उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली। बाद में अखिलेश समाजवादी पार्टी की धुरविरोधी मायावती (मायावती) के साथ हो लिए। सपा बसपा के गठबंधन को लेकर शिवपाल यादव ने तीखा हमला बोला था:
2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती और अखिलेश यादव ने मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा-बसपा गठबंधन की चुनावी सभाओं से मायावती अकसर शिवपाल यादव को बीजेपी का एजेंट बताती रहीं।
शिवपाल यादव ने भी इस गठबंधन को लेकर करारा प्रहार किया था। शिवपाल ने कहा था कि मायावती और अखिलेश दोनों धोखेबाज हैं। अब तो मर्यादा की सीमाएं ही टूट गई हैं, क्योंकि एक ने भाई को धोखा दिया तो दूसरे ने अपने पिता को।
शिवपाल ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 1990 में बड़ा काम किया। उन्होंने अगर बाबरी मस्जिद को न बचाया होता तो आज हिंदुस्तान में ही दूसरा पाकिस्तान बन गया होता। इसके बाद भी मायावती ने भाजपा से हाथ मिलाकर चुनाव प्रचार किया। फिर नरेंद्र मोदी और लालजी टंडन को भाई बनाया और बाद में उन्हें धोखा दे दिया।
अखिलेश यादव के लिए शिवपाल ने कहा था कि उन्होंने अपने पिता मुलायम के साथ विश्वासघात किया। उनसे राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी ले ली। जिस समाजवादी पार्टी को उन्होंने यहां तक पहुंचाया उसे अखिलेश ने मायावती के पैरों में रख दिया।
शिवपाल ने भतीजे अखिलेश की काबिलियत पर सवालिया निसान लगाते हुए हा था कि 2003 में जब मुलायम सीएम थे तो सपा के 36 सांसद जीते थे लेकिन अखिलेश के सीएम रहते केवल 5 नेता ही संसद पहुंच सके।