उत्तर प्रदेश

लखनऊ के पुलिस कमिश्नर बोले- राहुल गांधी को एयरपोर्ट पर रोका जाएगा, लखीमपुर खीरी जाने की नहीं है अनुमति

पुलिस कमिश्नर ने कहा, “राहुल गांधी लखनऊ आते हैं तो हम लोग कोशिश करेंगे कि एयरपोर्ट पर ही उनसे मिलें और आग्रह करेंगे कि वह लखीमपुर खीरी या सीतापुर न जाएं.

Lucknow Police Commissioner DK Thakur on Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने कुछ सहयोगी नेताओं के साथ लखीमपुर खीरी जाने के लिए बुधवार को लखनऊ (Lucknow) पहुंच रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने उन्हें यहीं रोकने का निर्णय किया है. लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर (DK Thakur) ने बताया कि लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिला प्रशासन ने आग्रह किया है कि गांधी को किसी भी हालत में इन जिलों में ना आने दिया जाए.

पुलिस कमिश्नर ने कहा, “अपरिहार्य परिस्थिति में राहुल गांधी लखनऊ आते हैं तो हम लोग कोशिश करेंगे कि एयरपोर्ट पर ही उनसे मिलें. हम उनसे आग्रह करेंगे कि वह लखीमपुर खीरी या सीतापुर न जाएं. सीतापुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मुझे लिखित रूप से अवगत कराया है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा वहां पर हैं और राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के आने से वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है. उन्होंने हम से आग्रह किया है कि किसी भी परिस्थिति में राहुल गांधी को सीतापुर ना आने दिया जाए.” कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने राहुल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल के लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मांगी थी, जिसे स्थानीय प्रशासन ने जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए नकार दिया.
प्रियंका सोमवार तड़के से ही सीतापुर पुलिस की हिरासत में हैं. पुलिस ने उनके और 10 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन्हें सोमवार तड़के लखीमपुर खीरी जाते वक्त रास्ते में सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया था. वाड्रा का आरोप है कि उन्हें किसी कानूनी आधार के बगैर संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हुए सीतापुर पीएसी परिसर में कैद कर दिया गया है.
लखीमपुर खीरी में आठ लोगों की मौत हो गई थी

गौरतलब है कि पिछले रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को किसानों द्वारा काले झंडे दिखाए जाने के मामले में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.

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