विशाल समाचार टीम
रीवा : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आजादी का अमृत महोत्सव पेन इंडिया अवेयरनेस एंड आउटरीच कार्यक्रम के अंतर्गत विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रधान जिला न्यायाधीश श्री आर.सी. वाष्र्णेय के मार्गदर्शन एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विपिन कुमार लवानिया के नेतृत्व में बाल सम्प्रेषण गृह में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में उपस्थित सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विपिन कुमार लवानिया ने अपने उदबोधन में कहा कि 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति बालक की परिधि में आता है और बालकों के कल्याण उनके देखरेख व उनके द्वारा विधि के विरोध मे कृत्य करने के संबंध में किशोर न्याय बालकों की देखरेख व संरक्षण अधिनियम 2015 अधिनियमित किया गया है। जो बालक हितैषी अधिनियम है जिसमें बालको के कल्याण को सर्वोपरि रखा गया है। इसके अलावा उन्होंने पॉक्सो अधिनियम के बारें में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर अपर जिला न्यायाधीश श्री मुकेश यादव ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम में 18 वर्ष से कम आयु के बालकों को मादक या नशीले पदार्थ बेचने पर कानूनी प्रतिबंध लगाये गये है साथ ही उनको ऐसे पदार्थ विक्रय करने पर कड़ी सजा का प्रावधान भी है। उन्होंने बाल अधिकारों के बारें में विस्तार से जानकारी दी। प्रधान मजिस्ट्रेट सुश्री उषा उइके ने किशोर न्याय अधिनियम के तहत विधि के विरोध में किशोरों के संबंध में कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अभय मिश्रा ने निःशुल्क विधिक सेवा योजना के बारें में उपस्थित किशोरों को जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर बाल सम्प्रेषण गृह के अधीक्षक श्री प्रमोद जैन, परिवीक्षा अधिकारी श्री अनिल पाण्डेय, पैरालीगल वालेंटियर्स श्री धर्मेन्द्र कुमार नापित समेत सम्प्रेषण गृह के किशोर उपस्थित रहे।